मोदी ने फिर की गलती, उमर ने लताड़ा!

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Omar Modiजम्मू: मौलाना आजाद स्टेडियम में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली खत्म होने के कुछ देर बाद ही उमर ने ट्वीट कर उन पर पलटवार कर दिया। मोदी के भाषण को गलत जानकारियों का पुलिंदा बताते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नरेंद्र मोदी अथवा उनके पार्टी के किसी भी नेता को अनुच्छेद 370 पर बहस की खुली चुनौती दे डाली।

उमर ने कहा कि मोदी ने उनका और उनकी बहन के नाम का उदाहरण देकर रियासत में महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों की जो परिभाषा गढ़ी गई, वह पूरी तरह सच्चाई से परे है।

उमर ने कहा कि उन्हें लगता है कि मोदी को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों की शायद जानकारी ही नहीं है। इसके साथ उमर ने रियासत में पर्यटकों की संख्या कम होने के मोदी के दावे की भी हवा निकाल दी।

उनका कहना था कि मोदी को शायद जानकारी नहीं है कि पर्यटक जम्मू-कश्मीर की बजाय हिमाचल जाने को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं, बल्कि तस्वीर का रुख दूसरा ही है।
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उमर ने रियासत में आने वाले पर्यटकों के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि बीते वर्ष करीब 14 लाख (1.4 मिलियन) पर्यटक रियासत में आए थे जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा अब तक दस लाख पार कर चुका है।

इसके साथ ही उमर ने मोदी की रैली में भाजपा के 45 हजार से अधिक संख्या में लोगों के पहुंचने के दावे को खारिज करते हुए एमए स्टेडियम (रैली स्थल) के फोटो भी वेबसाइट पर डालने की बात कही।

उनका कहना था कि 25 हजार लोगों को 45 हजार बताने वालों के दावों की इन फोटोग्राफ्स से पोल खुल जाएगी और जनता संख्या पर खुद ही फैसला कर सकेगी।

जो अधिकार उमर को वह सारा को नहीं: मोदी
भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में महिलाओं के साथ भेदभाव की चर्चा करते हुए कहा कि जो अधिकार मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हासिल है वह उनकी बहन सारा को नहीं है।

सारा ने राज्य से बाहर शादी की है इसलिए उसके अधिकार समाप्त हो गए हैं। मोदी अनुच्छेद 370 के कारण महिलाओं के अधिकार छिन जाने की चर्चा कर रहे थे।

दरअसल जम्मू कश्मीर स्टेट सब्जेक्ट अधिनियम (संशोधित) के तहत राज्य की किसी भी महिला की शादी बाहरी राज्य में होने पर वह राज्य की नागरिक रहेगी लेकिन उसके बच्चों को जम्मू कश्मीर की नागरिकता का अधिकार नहीं होगा। जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे के तहत राज्य में स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र (स्टेट सब्जेक्ट) सिस्टम लागू है। इसके तहत बगैर स्टेट सब्जेक्ट वाला कोई भी व्यक्ति राज्य में संपत्ति नहीं खरीद सकता और न ही उसका कोई अधिकार होगा।

पूर्व में जम्मू कश्मीर की किसी महिला की शादी राज्य के बाहर होने पर उसका पैतृक संपत्ति से अधिकार और उसकी राज्य की स्थायी नागरिकता खत्म हो जाती थी।

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट और उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में जनहित याचिकाओं पर दी गई व्यवस्था के बाद एक्ट में संशोधन कर राज्य से बाहर शादी करने वाली महिलाओं का स्टेट सब्जेक्ट बहाल रखने का प्रावधान किया था। इससे पहले युवतियों के स्टेट सब्जेक्ट प्रमाण पर स्पष्ट होता था कि यह शादी तक ही मान्य है, शादी के बाद नहीं।