शिक्षको का पलटवार : कहा शिक्षा के राजनीतिकरण से बढ़ रही नक़ल प्रथा

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FARRUKHABAD : अवकाश प्राप्त मा० शिक्षक कल्याण एसोसिएशन की तरफ से आयोजित सम्मलेन में दुसरे दिन नक़ल का ही मुद्दा छाया रहा. माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ने बीते दिन शिक्षको के सम्मान में गिरावट नक़ल को बताया था. जिस पर पलटवार करते हुए शिक्षको ने कहा कि नक़ल प्रथा के बढ़ाने के पीछे शिक्षा का राज्नीतिकरण मुख्य बजह है.  माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल द्वारा नकल के लिए शिक्षकों और अभिभावकों को जिम्मेदार बताने की बात पर दूसरे दिन का पूरा सम्मेलन लगभग निबटा। शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा के राजनीतिकरण की बजह से नकल हावी हो रही है। इसकी बजह यह है कि सत्ताधारी नेता ही खुद नकल के बड़े बड़े कारखाने चल रहे हैं और युवा वर्ग को गेहूं के साथ घुन की तरह पीसा जा रहा है।shiv om ambar - upkar mani- rajesh hajela - manmohan goswami - mishra

कवि सम्मेलन सचिव ज्योतीस्वरूप अग्निहोत्री की अध्यक्षता व बीके सिंह के संचालन मे हुआ। श्रीमती भारती मिश्रा ने मां भारती की बंदना प्रस्तुत की, सारे व्रह्मïाण्ड का है सम्मान तुम्हारा आंचल, तुम चाहते हो मुझे देबी बनाना और घर पर मंदिर मे सजाना।

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डा० शिवओम अंबर ने मुक्तक पढ़ा, दोस्तियां दिखावे की हम निभा नही सकते मैने सत्यम शिवम सुंदरम नही वेचा है अपना अहम नही वेचा है। दिनेश अबस्थी ने रचना पढ़ी, सुदामा का हूं बंशज सदा ही दीन रहता हूं, बीके सिंह ने मुक्तक पढ़ा, आंसुओं को हम अकेले मे बहाते हैं, उपकार मणि ने रचना पढ़ी कोई सुने न सुने तू अपना बयान जारी रख तथा पूजते हैं लोग दुनाली को उन्हें मेरा नमन। अध्यक्ष ज्योतीस्वरूप अग्निहोत्री ने रचना पढ़ी, जो राजस्व जहां से आया उसका वंदरवांट हो गया देश के पहरेदारों ने ही देश का वंटाधार कर दिया। इसके अलावा राजेश हजेला ने भी रचना पढ़ी।