FARRUKHABAD : एक तरफ जनपद में ट्रैफिक पुलिस द्वारा यातायात माह में लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जा रहा है कि वाहन ओवरलोडिंग न करें, छतों पर न बैठें। गाड़ी को सडक पर पार्क न करें, वाहनों को धीमी गति से चलायें। वहीं डग्गामार वाहनों को इस माह में भी खुली छूट रही। पूरा माह गुजर चुका है लेकिन माह के अंतिम दिन जहां एक तरफ ट्रैफिक इंचार्ज पम्पलेट बांटकर लोगों को जागरूक कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ डग्गामार वाहन ओवरलोडिंग कर खचा खच भरे हुए निकल रहे, जिन पर कोई अंकुश लगाने वाला नहीं। अंकुश लगे भी तो कैसे, साहब की जेब जो…………..है।
पूरे माह थानाध्यक्षों, पुलिस चौकियों, तिराहों, चौराहों, स्कूलों में यातायात सम्बंधी जानकारी देते अधिकारी नहीं थे। शायद अधिकारियों ने ठीक से अपनी जिम्मेदारियों को ही निभा लिया होता तो जनपद में 50 प्रतिशत यातायात व्यवस्था स्वतः ठीक हो जाती। शनिवार को यातायात सप्ताह के अंतिम दिन जहां एक तरफ फतेहगढ़ चौराहे पर ट्रैफिक इंचार्ज यातायात नियमों की दुहाई युवाओं को दे रहे थे। वहीं दूसरी तरफ डग्गामार मैजिक खचाखच भरी हुई जा रही थी। लेकिन ट्रैफिक इंचार्ज को शायद मात्र बीस रुपये की खातिर इस मैजिक चालक को हिदायत भी देते नहीं बनी।
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यही हाल जनपद के अधिकांश डग्गामार वाहन चालकों का है। डग्गामार वाहन चालक एकमुश्त राशि पुलिस को भेंट करने के बाद खुलेआम लाल दरबाजा, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन से सवारियां भरकर कायमगंज, शमसाबाद, राजेपुर, छिबरामऊ इत्यादि के लिए ले जाते हैं। वहीं फर्रुखाबाद बस अड्डे का तो इतना बुरा हाल है कि यहां पर तीन तीन ट्रांसपोर्टरों के द्वारा तो सवारियां गैर प्रदेशों तक को भरी ही जा रही हैं। ऊपर से डग्गामार वाहनों द्वारा छिबरामऊ व कानपुर इत्यादि के लिए बीच सड़क पर खड़ी करके मैजिक में सवारिया भरी जा रही है। लेकिन पुलिस देखकर भी इन वाहन चालकों को खुली छूट दे रही है। जिसका मुख्य कारण जेब गरम होना ही माना जा रहा है। जो भी हो यातायात के नियमों को समझाते हुए अधिकारियों को माह गुजर गया लेकिन उन्होंने डग्गामार वाहन चालकों को इसकी इबारत तक नहीं रटा पायी।