FARRUKHABAD : ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि वह उस जगह पर कम ही नजर आती है जहां मसक्कत करनी पड़े और नतीजा कुछ भी हासिल न हो। उन्हें तो उस जगह पर ड्यूटी करने में मजा आता है, जहां हाथ हिलाने भर से जेब में बजन बढ़ जाये। अक्सर आवास विकास, बढ़पुर, घुमना, चौक, पक्कापुल, रेलवे रोड, रेलवे स्टेशन फर्रुखाबाद के निकट जाम की झाम के समय ट्रैफिक पुलिस के सिपेह सहलार दूर दूर तक नजर नहीं आते। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था कैसे सुधरे।
समय तकरीबन 10 बजे, चौक पर चारो सड़कें आने जाने वाले यात्रियों से भरी थी। देखते ही देखते बड़ा जाम चौक पर लग गया। टैक्सी, बैलगाड़ी, तांगा और जो जिसे जहां मौका मिला घुस आया। जाम ने भयावह रूप ले लिया। स्कूली बच्चे, रिक्शे से लेकर बसों में फंस गये।
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एक तरफ यातायात सप्ताह की दुहाई पुलिस प्रशासन, पुलिस कार्यालय से लेकर चौकी तक दे रहा है लेकिन ट्रैफिक पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जाम जहां भी लगा हो ट्रैफिक पुलिस के सिपाही बहुत ही कम नजर आते हैं और ट्रैफिक इंचार्ज की कार्यप्रणाली पर तो अब जनता खुलेआम उंगलियां उठाने लगी है। उठाये भी क्यों न, जिस काम के लिए उन्हें लगाया गया है वह काम कितनी तन्मयता से कर रहे हैं यह जनता खुद समझ रही है।