केन्द्र या राज्य सरकार का कोई कर्मचारी अगर राजस्थान में बसना चाहता है तो उसे अपना मकान जरूर मिलेगा।
राज्य सरकार सभी कर्मचारियों को कम से कम एक मकान उपलब्ध कराएगी। इसके लिए राज्य स्तर पर नीति तैयार की जा रही है। सूत्रों के अनुसार आवास नीति बनाने का जिम्मा स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभाग को सौंपा गया है।
इसके लिए स्वायत्त शासन सचिव आर. वेंकटेश्वरन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। इसमें स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक रामनिवास मीणा, राजस्थान अरबन इन्फ्रास्टक्चर डवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (रुइडिफको) के सलाहकार वी.के. गर्ग, हाउसिंग बोर्ड, जेडीए और टाउन प्लानिंग के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इस कमेटी की एक मीटिंग भी हो चुकी है।
समिति इसी महीने तैयार करेगी नीति: कर्मचारियों के लिए आवास नीति का ड्राफ्ट नवंबर में ही तैयार कर लिया जाएगा। समिति के सदस्यों का कहना है कि जेडीए, नगर विकास न्यास, हाउसिंग बोर्ड और नगर निगम, नगर परिषद एवं नगरपालिकाओं ने अपने नियमों में कर्मचारियों को आवास देने के प्रावधान पहले से ही किए हुए हैं, लेकिन परंतु अब राज्य सरकार पत्रकार आवास योजना की तरह कर्मचारियों के लिए भी राज्य स्तर पर एक नीति बनाना चाहती है। इसलिए मौजूदा प्रावधानों का अध्ययन किया जा रहा है, इसके बाद आवंटन नियमों में एकरूपता लाने के लिए नीति बनाई जाएगी।
तहसील और गांव स्तर तक मकान देने पर विचार:
कर्मचारियों को बड़े शहरों के साथ साथ जिला, तहसील और गांव स्तर पर भी मकान दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। आवास नीति में इस मुद्दे पर भी गहनता से विचार करने को कहा गया है।