FARRUKHABAD : पिछले तीन दिनों से राजेपुर सरायमेदा निवासी रिटायर्ड शिक्षक एवं आरटीआई कार्यकर्ता एनुल हसन को देखने तक के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के पास समय नहीं है। किसी भी अधिकारी ने तीन दिन बाद भी उनसे समस्या तक नहीं पूछी। वहीं एनुल हसन का कहना है कि जब तक फर्जी शिक्षण संस्थान के संचालक के खिलाफ जब तक कार्यवाही नहीं की जाती।
ज्ञात हो कि कमालगंज के राजेपुर सरायमेदा गाव में एक ही भवन में कई स्कूल और मदरसे चलने का प्रकरण ऐनुल हसन ने उठाया था जिसके बाद दो स्कूलों की मान्यता प्रशासन ने रद्द कर दी थी| ऐनुल हसन ने प्रशासन पर मदरसा संचालक पर कानूनी कार्यवाही करने के लिए दबाब बनाने को कई चक्र का अनशन भी किया| मगर इस बार मदरसा संचालक ने भी ऐनुल के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है|
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जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के सामने अनशन पर बैठे एनुल हसन का आरोप है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी फर्जी तरह से संचालित शिक्षण संस्थाओं को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। एनुल हसन ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की साठगांठ से कोई कार्यवाही नहीं की गयी। कई बार अनशन पर बैठने के बाद अधिकारियों ने कार्यवाही का आश्वासन देकर अनशन तुड़वा दिया। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। पैगामे हक मुस्लिम माइनारिटी एजूकेशन सोसाइटी की कुछ मान्यतायें निरस्त की जा चुकी हैं और कुछ निरस्त होना बाकी हैं। अधिकारीगण कई बार आश्वासन दे चुके हैं कि कार्यवाही पूर्ण की जायेगी। परन्तु प्रलोभन के दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। जबकि जो मान्यतायें निरस्त की गयी हैं उनका फर्जीवाड़ा पूर्णतः उजागर हो चुका है।
उन्होंने कहा कि जब तक फर्जी मदरसा प्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जायेगी तब तक वह अनशन नहीं तोड़ेंगे।