KAIMGANJ (FARRUKHABAD) : राज्य कर्मचारियों की हड़ताल को 8 दिन बीत चुके हैं लेकिन हड़ताल दिन पर दिन उग्र होती जा रही है। जिससे जरूरतमंदों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि सरकार एस्मा लगाये या कुछ भी लगाये। वह लोग तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक उनकी 16 सूत्रीय मांगें नहीं मानी जातीं।
१२ नवम्बर से राज्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं राजस्व विभाग के कार्य,विकास विभाग से जुड़ी समस्याएं तथा सिंचाई आदि विभागों में लगभग सारे कार्य पंग हो चुके हैं। परिणाम स्वरूप जनतन्त्र व्यवस्था में जनता ही इससे पीडि़त हो रही है। हड़ताली कर्मचारी हड़ताल के बहाने अपने निजी काम करने में रूचि ले रहे हैं। जबकि कुछ एक कर्मचारी ही अपने साथियों को संगठित करने का प्रयास करके हड़ताल का असर दिखाने की जुगत लगाये हैं।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
लोगों का कहना है कि समस्या कर्मचारियों की भी हो सकती है। जिसके निराकरण के लिए वे दूसरे रास्ते भी अपना सकते हैं। लम्बी हड़ताल से तो केवल जनता का काम ही प्रभावित होता है। ऐसे में आज जब विभिन्न चैनलों तथा समाचार पत्रों में सरकार द्वारा हड़तालियों के विरूद्ध एस्मा कानून केअन्तर्गत कार्यवाही करने का समाचार प्रसारित हुआ तो जनता ने इस तरह की टिप्पणी जिनके शब्द अलग-अलग किन्त्ु भाव यही था व्यक्त की किन्त्ुा हड़ताली राज्य कर्मचारियों के विभिन्न गुटों के स्थानीय नेताओं का कहना है कि वे सरकार की किसी भी निरोधात्मक कार्यवाही का सामना करने को तैयार हैं। झुकेंगे नहीं। जब तक सारी मांगें पूरी करने के लिए सरकार तैयार नहीं है। वे भी हड़ताल से वापस लौटने वाले नहीं।