FARRUKHABAD : जनता की गाड़ी कमाई से मोटा वेतन लेने वाले कर्मचारी अपने हित के आगे जनता को ही भूल गये। शासन द्वारा आयोजित किये जाने वाले तहसील दिवसों को विफल बनाने के लिए राज्य कर्मचारियों ने मंगलवार को हुए तहसील दिवस से फरियादियों को वापस कर दिया। वहीं कर्मचारियों की इस हरकत को अधिकारी देखकर भी कुछ न कर सके और अपनी कुर्सियों पर वह भी खाली बैठे रहे। जिससे सदर तहसील दिवस लगभग विफल साबित हुआ। दूर दराज से आने वाले फरियादी कर्मचारियों व अधिकारियों को कोसते हुए वापस लौट गये।
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एसडीएम राकेश कुमार की अध्यक्षता में सदर तहसील में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। जिसे राज्य कर्मचारियों ने विफल साबित करने के लिए मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे से ही दरी बिछाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने बाबू संजय चौरसिया को भी अपने कब्जे में कर लिया और कहा कि आज कोई भी प्रार्थनापत्र नहीं चढ़ाया जायेगा। न ही अधिकारी के पास हम लोग किसी फरियादी को पहुंचने देंगे।
सदर तहसील दिवस में जो भी फरियादी अपना प्रार्थनापत्र लेकर आ रहा था उसे गेट पर ही मना कर दिया जाता था। कहा जाता था कि आज हड़ताल है। तहसील दिवस नहीं है, आप लोग अगले तहसील दिवस पर प्रार्थनापत्र दे सकते हैं। वहीं तहसील दिवस में आये अधिकारी कर्मचारियों की इस हरकत को अपनी कुर्सियों पर बैठे हुए मुहं ताकते दिखायी पड़े।
सदर तहसील दिवस में लगभग 12 बजे के समय पर एडीएम आलोक कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ सिंह भी पहुंचे। अधिकारी फरियादियों के इंतजार में लगभग एक बजे तक बैठे रहे। लेकिन कोई फरियादी न आने पर वापस चले गये।
इस दौरान प्रदर्शन करने वालों में कर्मचारी नेता लेखपाल सोवरन सिंह, अजीत, रामनिवास, प्रवेश तोमर, सुजीत अवस्थी, संजय चौरसिया, राकेश अग्निहोत्री, अरुण कुमार, जवाहरलाल शुक्ला, बृजेश अवस्थी आदि मौजूद रहे।
डीएम के तहसील दिवस को विफल बनाने के लिए रवाना हुए कर्मचारी
फर्रुखाबाद: अमृतपुर तहसील में मंगलवार को हो रहे तहसील दिवस को विफल बनाने के लिए कुछ राज्य कर्मचारी नेता लोहिया अस्पताल में एकत्र हुए। लोहिया अस्पताल में बैठक कर कर्मचारी नेताओं ने रणनीति बनायी कि अमृतपुर तहसील दिवस जिलाधिकारी पवन कुमार की अध्यक्षता में होना है। जिसको पूर्णतः विफल बनाया जाना चाहिए। योजना बनाकर कर्मचारी नेता अमृतपुर तहसील के लिए रवाना हो गये।