FARRUKHABAD : साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अभिव्यंजना के 33वें वार्षिक सम्मान समारोह में 6 विभूतियों को विभिन्न सम्मानों से अलंकृत किया गया। साथ ही साथ दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। हिन्दी भाषा पर कार्यक्रम में विशेष जोर रहा।
वद्री विशाल डिग्री कालेज में आयोजित किये गये अभिव्यंजना के वार्षिक सम्मान समारोह में डा0 ओमप्रकाश सिंह को राज श्री पुरुषोत्तमदास टण्डन सम्मान, डा0 सुशील राकेश को अभिव्यंजना श्री सम्मान, डा0 सुधा रानी सिंह को महीयशी महादेवी वर्मा सम्मान, राकेश चक्र को आचार्य बचनेश मिश्र सम्मान, वरिष्ठ पत्रकार वेदपाल सिंह को आचार्य महावीर प्रसाद त्रिवेदी सम्मान, सतीशचन्द्र सतीश को राजेन्द्र यादव सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आये प्रो0 सूर्यप्रसाद दीक्षित पूर्व अध्यक्ष हिन्दी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय को संस्था प्रमुख डा0 रजनी सरीन ने प्रतीक चिन्हं व शाल उड़ाकर सम्मानित किया।
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डा0 रजनी सरीन ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दी भाषा का प्रचार स्वदेश की अपेक्षा विदेशों में अधिक हो रहा है। विदेशों में महज इस बात पर रोजगार दिया जा रहा है कि व्यक्ति हिन्दी जानता है। हिन्दी के माध्यम से विदेशों का पर्यटन विभाग अच्छी खासी कमाई कर रहा है। हमें हिन्दी भाषा के महत्व को समझना चाहिए। किसी अन्य भाषा को सीखने में कोई गुरेज नहीं। लेकिन हिन्दी भाषा का सम्मान अवश्य करना चाहिए।
हिन्दी भाषा की अभिवृद्वि एवं प्रचार प्रसार कर रही संस्था अभिव्यंजना के कार्यक्रम में समन्वयक डा0 राजकुमार सिंह, ब्रह्मदत्त अवस्थी, अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ, डा0 माधुरी दुबे, बृजकिशोर सिंह किशोर, रवीन्द्र भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कटियार, जवाहर सिंह गंगवार, त्रिलोकीनाथ गुप्ता, कैलाश कटियार, निमिष टण्डन, संजय गर्ग, उपकार मणि, प्रीती रायजादा, अतुल कपूर आदि मौजूद रहे।
डा0 ओमप्रकाश को राज श्री पुरषोत्तमदास टण्डन सम्मान मिला। लेकिन ओमप्रकाश स्वयं कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। उनके प्रतिनिािध को सम्मान दे दिया गया।