रामसेवक और कुलदीप कांग्रेस व जनता के पंजे से दूर क्यों?

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FARRUKHABAD : बीते विधानसभा चुनाव में जनता के पंजे से अपना पंजा मिलाकर तमाम वादे और विकास के वादे करने वाले पूर्व विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रामसेवक व कुलदीप गंगवार का चेहरा कांग्रेस के कार्यक्रमों से धूमिल सा हो गया है। चुनाव के बाद से ही दोनो कार्यक्रम में दिखायी ही नहीं पड़ते। जिससे अब कांग्रेसियों में कानाफूसी शुरू हो गयी है।RAM SEVAK YADAV - KULDEEP GANGWAR.1

चंद महीनों बाद लोकसभा चुनाव होने वाला है या यूं कहिए चुनाव बिलकुल सिर पर है और प्रत्याशी के रूप में विदेशमंत्री व वर्तमान में फर्रुखाबाद से सांसद सलमान खुर्शीद का लड़ना तय माना जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस के अंदर वर्तमान में सलमान खुर्शीद के सामने दूसरा कोई नेता टिकट के लिए मुहं खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। वहीं बसपा से बीते विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार का पार्टी के कार्यक्रमों, बैठकों यहां तक कि विदेश मंत्री के शहर में आने के बाद न दिखना चर्चा का विषय है।

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कुछ लोग तो कुलदीप के तार पुनः बसपा से जुड़ने की चर्चायें भी कर रहे हैं। वहीं पुराने कांग्रेसी रहे रामसेवक यादव ने भोजपुर विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और करारी हार हाथ लगी। विधानसभा चुनाव हारने के बाद रामसेवक यादव जनता की सेवा से बिलकुल महरूम हो गये और कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूरी बना ली।

विधानसभा चुनाव को गुजरे तकरीबन दो वर्ष का समय होने जा रहा है, लेकिन दोनो नेता जनता के बीच या कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर न आने से आगामी लोकसभा चुनाव में सलमान खुर्शीद को इनके वोट बैंक का असर पड़ सकता है।