FARRUKHABAD : शहर में चल रहे 16वें मानस सम्मेलन के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को राम कथा का रसास्वादन कराते हुए स्वामी चिदधनानंद जी महाराज ने कहा कि माता पिता व गुरू की सेवा व सम्मान भगवान की पूजा से कम नहीं है।
नगर के डीपीवीपी विद्यालय में चल रहे मानस सम्मेलन के दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ रही। आचार्य सर्वेश शुक्ला ने पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम को प्रारंभ कराया। श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्धार से आये स्वामी चिदधनानंद महाराज ने कहा कि देश को गुलाम बनाने के लिए भारतीय संस्कृति पर हमले किये जा रहे हैं। सत्संग से ही रामकथा मिलती है, जिससे मानव जीवन का कल्याण होता है। मानस से श्रोताओं को जोड़ते हुए उन्होंने श्री राम के चरित्र पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
गाजीपुर से आये मानस के विद्धान अम्बलेश उपाध्याय ने कहा कि मानस जीवन में सबसे अमूल्य परमात्मा की कथा सुनना एवं उसकी भक्ति करना। समर्पण परमात्मा को पाने की पहली प्राथमिकता है। मनुष्य को 24 घंटे में 24 मिनट परमात्मा के लिए निकालने चाहिए। क्योंकि बहुमूल्य लेकिन परमात्मा अमूल्य है। कथा के बाद श्रोताओं ने स्वामी लेखराज की रासलीला टीम द्वारा भक्ति रस की गंगा में अपने आपको डुबाया। भगवान राधाकृष्ण आदि का नृत्य रासलीला में आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
16वें मानस सम्मेलन के दूसरे दिन दोपहर बाद संगीतमय तरीके से सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन कवि बृजकिशोर सिंह किशोर ने किया। इस दौरान संयोजक भारत सिंह, रवीन्द्र भदौरिया, सुरेन्द्र सिंह गौर, प्रमोद कनौजिया, डा0 जेपी सक्सेना, डा0 बीडी शर्मा आदि मौजूद रहे।