ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी चाइना पर हावी कुम्हार की मिट्टी

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FARRUKHABAD : जमाना चाहे कितना भी बदल गया हो लेकिन भारत देश में संस्कृति अभी भी जिंदा है। जिसका जीता जागता उदाहरण ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है। दीपावली के त्यौहार पर भले ही शहरी क्षेत्रों में चाइनीज झालरों ने अपना कब्जा कर लिया हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी देशी घी व सरसों के तेल के दिये जलाने की परम्परा जीवंत है। वह संख्या में 21, 51 और 101 हो सकते हैं।diya

समय के बदलते हुए परवेश ने समाज पर चाइनीज चीजों को हावी कर दिया है। सस्ती दरों पर चमक दमक वाली चीजें मिल जाती हैं। दीपावली के त्यौहार पर इलेक्ट्रानिक दुकानों पर विभिन्न तरह की चाइनीज झालरें जगमगाती मिल जाती हैं। लोगों के आकर्षण का केन्द्र भी हैं और खरीददारी भी हो रही है। परन्तु परम्परा हमें इसकी इजाजत नहीं देती। पांच देशी घी के दिये जलाना तो अनिवार्य है ही, साथ ही घर के हर कोने में सरसों के तेल का दीपक प्रकाशवान होना चाहिए तभी घर में सुख समृद्धि आती है, ऐसा विद्धानों का मत है।

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दीपावली पर इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में दिये खरीदने का क्रेज काफी दिखायी दिया। महिलाओं ने जमकर दियों की खरीददारी की। मिट्टी के ही सही लेकिन विभिन्न डिजाइनों के दिये मार्केट में सजे हुए हैं, जो आज भी हमारी संस्कृति और परम्परा की याद हमें दिला रहे हैं।