दिल्ली के चुनावी दंगल में मैदान मारने की रेस शुरू हो चुकी है। इस रेस में चुनाव चिह्न का बड़ा रोल होता है, मगर यूपी जैसे सूबे में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) की दिल्ली चुनाव में साइकिल की सवारी मुश्किल है।
देश में भाजपा, कांग्रेस, बसपा, एनसीपी, सीपीआई और सीपीआई (एम) छह राष्ट्रीय दल हैं। इनका पूरे देश में एक ही चुनाव चिन्ह है जो दिल्ली चुनाव में इनके पास यही रहेगा, लेकिन दूसरे सूबे में झंडा गाड़ने के बाद भी क्षेत्रीय दलों का चुनाव चिह्न यहां तय नहीं है।
हालांकि चुनाव आयोग दूसरे राज्य में भी चुनाव लड़ने पर एक चुनाव चिह्न अलॉट करता है, मगर यह तभी संभव है जब उसके चुनाव चिन्ह पर कोई दूसरे दल दावा ना करें।
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चुनाव आयोग के इस नियम के तहत अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी समेत 13 क्षेत्रीय दलों ने दिल्ली चुनाव के लिए अपने-अपने चुनाव चिन्ह अलॉट करा लिए हैं।
सपा के सिंबल साइकिल पर दिल्ली में जम्मू एंड कश्मीर की नेशनल पैंथर्स पार्टी का दावा होने के कारण वह उसे दिल्ली में अभी नहीं मिला है।
जम्मू कश्मीर में पैंथर्स पार्टी के पास भी साइकिल चुनाव चिह्न ही है। इसलिए साइकिल फ्री चुनाव चिन्ह की सूची में आता है। इसे दोनों पार्टियों के अलावा तीसरा कोई भी दल मांग सकता है।
ऐसे मिलता है स्टेट पार्टी का दर्जा और चुनाव चिन्ह
स्टेट पार्टी बनने के लिए संबंधित राज्य के चुनाव में उस पार्टी को कुल मतदान का 6 फीसदी वोट या कम से कम निर्धारित सीट जीतना जरूरी है। दिल्ली में 6 फीसदी वोट या तीन सीटों पर जीत स्टेट पार्टी का दर्जा दिलाती है। आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग की ओर से मिला झाडू चुनाव चिन्ह सिर्फ एक साल के लिए है। अगर पार्टी चुनाव में कुल मतदान का 6 फीसदी वोट या 3 सीट जीत लेती है तो उसका दिल्ली में झाडू चुनाव चिन्ह रिजर्व हो जाएगा।
दल—-चुनाव चिन्ह
भाजपा—-कमल
कांग्रेस—-हाथ
बसपा—-हाथी
एनसीपी—-घड़ी
सीपीआई (एम)—-हंसिया हथौड़ा
सीपीआई—-हंसिया बाली
दिल्ली के क्षेत्रीय दल—-चुनाव चिन्ह
आम आदमी पार्टी—-झाडू
राष्ट्रवादी जनता पार्टी—-ऑटो रिक्शा
राष्ट्रीय बहुजन हित पार्टी—-पतंग
इंडिया डेमोक्रेटिक पार्टी—-हॉकी एंड बाल
स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी—-ब्रेड
ब्रज विकास पार्टी—-बांसुरी
भारतीय बहुजन पार्टी—-सिलाई मशीन
हिन्दूस्तान स्वराज कांग्रेस—-डीजल पंप
इंडियनजस्टिस पार्टी—-टीवी
जनशोषित पार्टी—-गैस सिलेंडर
सनातन सांस्कृतिक रक्षा दल—-अंगूर
एक नजर में:
—-70 विधानसभा सीट है दिल्ली में है।
—-1.15 करोड़ मतदाता कुल वोट करेंगे।
—-70 पार्टियों ने 2008 में चुनाव भागीदारी की थी।
—-अभी तक दिल्ली में कोई भी स्टेट पार्टी नहीं है।
—-70 से ज्यादा फ्री चुनाव चिन्ह आयोग की सूची में।
—-6 राष्ट्रीय दल को फिक्स चुनाव चिन्ह है।
—-13 क्षेत्रीय दलों ने चुनाव चिन्ह अलॉट कराया है।