FARRUKHABAD : फर्जी तरीके से जमीन की मालकिन बनाकर 9 लाख से अधिक की जमीन बेचने के मामले में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया था। लेकिन पुलिस की बंद कमरे में हुई पूछताछ के बाद आरोपियों को छोड़ दिया गया। बुधवार को जमीन की असली मालकिन गंगादेवी भी थाने पहुंचीं और आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी।
फिल्मी अंदाज में एक ही जमीन की एक ही नाम से दो मालकिनों का मामला मऊदरवाजा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते दिन थाना क्षेत्र के नगला खैरबंद की मूल निवासी गंगादेवी पत्नी अजेन्द्र यादव की कुइयांबूट स्थित साढ़े तीन बीघा जमीन को फर्जी तरीके से दूसरी मालकिन बनाकर अहमदगंज कायमगंज निवासी मुन्नीदेवी पत्नी रामदीन शाक्य को तहसील में पेश किया गया था। फर्जीबाड़े का भन्डाफोड़ होने पर पुलिस ने नकली गंगादेवी उर्फ मुन्नीदेवी के साथ-साथ कुइयांबूट निवासी सत्येन्द्र राजपूत, भरत सिंह पुत्र रामेश्वर प्रसाद जमीन के दलाल ज्ञानेन्द्र पाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। रिटायर्ड फौजी राकेश पाल निवासी शिवनगर 9 लाख रुपये देकर उस जमीन को खरीद रहे थे। पुलिस के सामने ही फर्जी महिला ने अपना नाम मुन्नीदेवी बताया तो मामला शीशे की तरह साफ हो गया।
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लेकिन बंद कमरे में चली पुलिस की पूछताछ के बाद मंगलवार देर शाम पुलिस ने जमीन की नकली मालकिन मुन्नीदेवी, भरत सिंह, सत्येन्द्र राजपूत आदि को छोड़ दिया। मामले की भनक जब जमीन की असली मालकिन गंगादेवी को हुई तो वह अपने दामाद गया प्रसाद निवासी भरथना इटावा के साथ थाने पहुंची। पुलिस ने एक घंटे से अधिक बंद कमरे में गंगादेवी से पूछताछ की। गंगादेवी ने बताया कि उसने मुन्नीदेवी, मुनीश खां व अधिवक्ता सत्येन्द्र राजपूत के पिता राजकिशोर व जमीन के गवाह भरत सिंह, ज्ञानेन्द्र पाल के खिलाफ तहरीर दी है।
इस सम्बंध में थानाध्यक्ष मऊदरवाजा श्रीकांत यादव ने तहरीर मिलने की बात को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि मामले में पूछताछ की जा रही है। महिला से जमीन के अभिलेख मांगे गये हैं। जांच पड़ताल के बाद कानूनी कार्यवाही की जायेगी।