नई दिल्ली। बीजेपी से निकाले गए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने बीजेपी संसदीय बोर्ड के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में जेठमलानी ने मांग की है कि उनका निष्कासन फौरन रद्द किया जाए। जेठमलानी ने मोदी और वाजपेयी के अलावा संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों से 50-50 लाख रुपये का हर्जाना भी मांगा है।
जेठमलानी ने कहा है कि उनका निष्कासन असंवैधानिक है और ये उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया है। राज्य सभा सांसद और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अनुशासनहीनता के मसले पर मई 2013 में बीजेपी से निकाले गए थे। जेठमलानी मोदी के करीबी समझे जाते हैं और माना जाता है कि बीजेपी की तरफ से राज्यसभा की सीट उन्हें मोदी के कहने पर ही मिली थी।
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गौरतलब है कि5 अक्टूबर को दाखिल याचिका में जेठमलानी ने 11 सदस्यीय बोर्ड के 9 सदस्यों को प्रतिवादी बनाते हुए हर एक से 50 लाख मुआवजे की भी मांग की है। यानी बीजेपी को इसके मुताबिक 4.5 करोड़ रुपये का हर्जाना देना पड़ सकता है।