KAMALGANJ (FARRUKHABAD) : विकासखण्ड कमालगंज क्षेत्र के ग्राम राजेपुर सरायमेदा में चल रहे फर्जी मदरसे की जांच करने पहुंचे प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल व बेसिक शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र शर्मा को मदरसा संचालक रसोई व गुसलखाना मिलाकर भी पूरे कमरे नहीं दिखा पाये। इतना ही नहीं जिस बिल्डिंग में वर्तमान में मदरसा संचालन बता रहे हैं उसमें इंटर कालेज चल रहा है। एक बिल्डिंग में दो दो संस्थानों की मान्यता का भी दूसरा मामला जांच में प्रकाश में आ रहा है।
राजेपुर सरायमेदा में मदरसा जामिया अरबिया यासीनुल उलूम को कागजों पर फर्जी तरीके से संचालित करने की शिकायत व आमरण अनशन गांव के ही रिटायर्ड शिक्षक ऐनुल हसन के द्वारा किये जाने पर तीन सदस्यीय टीम जांच करने गांव राजेपुर सरायमेदा पहुंची।
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टीम में बेसिक शिक्षा अधिकारी नरेशचन्द्र, डीआईओएस भगवत पटेल, एबीएसए सुमित कुमार, जिला समन्वयक ने सबसे पहले पैगामे हक मुस्लिम माइनरटी इंटर कालेज चेक किया। जिसमें हायर सेकेंड्री स्कूल भी संचालित है। जबकि मान्यता इंण्टर की इसी बिल्डिंग पर ले रखी है। कुल मिलाकर इस कालेज में नये पुराने 20 कमरे पाये गये। चार कमरे नये निर्माणाधीन हैं जिस पर प्लास्टर नहीं है। 16 कमरे पहले से बने हुए हैं। सारे कमरों की अधिकारियों ने पैमाइस करायी। अधिकारियों ने कहा कि कक्षा 12 की मान्यता के साथ ही जूनियर की भी मान्यता इसी बिल्डिंग पर लेना फर्जी है। पहले तो अधिकारियों को जूनियर स्कूल की ही बिल्डिंग गायब मिली। जिसकी कहीं कोई बिल्डिंग नहीं है।
इसके बाद अधिकारियों ने पास में निर्माणाधीन नई बिल्डिंग को देखा, जोकि किराये पर चल रहे मदरसे के लिए बनवायी जा रही है। निर्माणाधीन बिल्डिंग को देखने के बाद जांच करने गये अधिकारी किराये के भवन संचालक के पास पहुंचे।
मदरसा जामिया अरबिया यासीनुल उलूम जिस भवन में 2008 से संचालित होना बताया गया है उस बिल्डिंग के मालिक मोहम्मद अनीस के घर जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों ने मोहम्मद अनीस से पूछा कि आपने अपना मकान मदरसा चलाने के लिए किराये पर दिया था। मोहम्मद अनीश ने बताया कि 2008 से 2012 तक किराये पर लेकर मदरसा चलाया गया। जिसके सम्बंध में अधिकारियों ने बात की कि आपने लिखित एग्रीमेंट नहीं दिया था। जिस पर अनीस ने कहा कि उन्होंने कोई भी लिखित में एग्रीमेंट नहीं किया। कागजों में जो भी एग्रीमेंट संचालक द्वारा दिया गया है वह फर्जी है। अनीस ने बताया कि उन्हें 1200 रुपये महीने प्रति माह दिया जा रहा था। अधिकारियों ने जब भवन को देखा तो उसमें नीचे ऊपर कुल 8 कमरे हैं। चार बरामदे व आठ कमरे हैं। लैट्रीन, बाथरूम को मिलाकर भी किराये का मकान मानक के अनुसार अधिकारियों को नहीं मिला।
मदरसा जांच के दौरान गांव में रहा तनाव
अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान गांव में तनाव की स्थिति रही। मदरसा संचालक के पक्ष के लोगों व शिकायत कर्ता के पक्ष के लोगों में कई बार कहासुनी की स्थिति आ गयी। अधिकारियों ने जब मदरसा संचालक के भाई भाई शाहिद से जानकारी चाही तो उसने कहा कि मैं कोई तहसीलदार थोड़ी हूं सो मैं बता दूं। आपको जानकारी करनी है तो ग्रामीणों से पूछिये। किराये का मकान का निरीक्षण करने के दौरान एक पक्ष के मलिक नाम व्यक्ति से भी झड़प हो गयी।