जन्मतिथि फर्जीवाड़ा, विधायक के खिलाफ मुकदमे का आदेश

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3july2010courtलखनऊ। चुनाव लड़ने के लिए जन्मतिथि में हेराफेरी करने के मामले में समाजवादी पार्टी के हंडिया विधायक प्रशांत सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतीश चन्द्र द्विवेदी ने यह आदेश उपचुनाव में प्रत्याशी रहे सुनील त्रिपाठी की याचिका पर दिया है। जिला न्यायालय ने कर्नलगंज थाना प्रभारी को मामले में एफआइआर दर्ज कर विवेचना करने को कहा है।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2011 के चुनाव में हंडिया सीट पर सपा से महेश नारायण सिंह विजयी हुए थे। उनके निधन के बाद इस वर्ष आयोजित हंडिया उपचुनाव में उनके पुत्र प्रशांत ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इस चुनाव में सुनील कुमार त्रिपाठी भी प्रत्याशी थे। सुनील ने प्रशांत के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कराने के लिए पांच सितंबर को धारा 156/3 के तहत आवेदन किया था। सुनील ने अपने हलफनामे में कहा है कि प्रशांत ने चुनाव में गलत जन्मतिथि दर्शाई है। उनकी मूल जन्मतिथि 25 अक्टूबर 1989 है। सीबीएसई द्वारा वर्ष 2004 में जारी कक्षा दस के अंकपत्र में यही जन्मतिथि दर्ज है। सीबीएसई ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रशांत के पूर्व विद्यालय बी के पब्लिक स्कूल द्वारा जारी कक्षा आठ के स्थानांतरण प्रमाणपत्र में भी उनकी जन्मतिथि 1989 ही दर्ज है। सुनील का दावा था कि प्रशांत चुनाव के समय 25 साल से कम उम्र का था। इसलिए चुनाव लड़ने के योग्य नहीं था। चुनाव के लिए जरूरी न्यूनतम उम्र हासिल करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी की। चुनाव के समय उसने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर लगाए।

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प्रशांत ने अपना बचाव करते हुए पिछले दिनों प्रेसवार्ता की थी। जिसमें इसमें कमला नेहरु मेमोरियल हॉस्पिटल इलाहाबाद से 23 फरवरी 2013 को जारी जन्म प्रमाणपत्र, 18 मार्च 2013 को परिवार रजिस्टर में दर्ज जन्म तिथि और नौ मई 2013 को सीबीएसई की ओर से जारी डुप्लीकेट अंकपत्र की छायाप्रति पेश की गई। इन सभी पर प्रशांत की जन्मतिथि 26 अक्टूबर 1986 दर्ज थी।