लखनऊ: पुलिस महानिदेशक देवराज नागर ने कहा है कि दंगों की नींव अंग्रेज डाल गए थे। उन्होंने यहां तक कहा डाला कि अंग्रेज हिंदू और मुसलमानों को लड़ाकर चले गए। इसका खामियाजा अब तक समाज भुगत रहा है।
नागर ने कहा कि मुजफ्फरनगर की घटना से पुलिस ने काफी सबक लिया है। किसी को माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आम जनता को भी भड़काऊ एसएमएस से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश विरोधी या शरारती तत्व इसका बेजा इस्तेमाल कर माहौल खराब कर सकते हैं। पुलिस यदि फेसबुक या मोबाइल पर भड़काऊ एसएमएस पकड़ेगी तो कड़ी कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ मामलों में बदमाश पुलिस से अधिक हाईटेक हैं, जबकि पुलिस की कार्यपद्धति में बहुत खामियां हैं। प्रदेश सरकार और विभाग पुलिस के जवानों को और हाईटेक करने में जुटा है। उन्होंने बताया कि वाराणसी समेत प्रदेश के कई जिले अतिसंवेदनशील हैं।
दरअसल, डीजीपी ने यातायात पुलिस लाइन में बुधवार की शाम वाराणसी रेंज के चार और मिर्जापुर रेंज के तीन जिलों के पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। उद्देश्य था दशहरा, बकरीद और नवरात्र के मौके पर शांति के लिए कानून व्यवस्था की समीक्षा का। डीजीपी ने कहा कि पुलिस को दो मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना है। एक तरफ सांप्रदायिक तनाव को पैदा न होने देना और दूसरी तरफ आतंकी गतिविधियों को काबू में करना।
उन्होंने पूजा समितियों के साथ दोनों धर्मों के पूजा स्थलों पर सतर्कता बरतने का पाठ अधिकारियों को पढ़ाया। डीजीपी ने बताया कि छोटी से छोटी घटना को गंभीरता से लें। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि खंडवा जेल से फरार छह आतंकियों और मुंबई पुलिस की कस्टडी से फरार आतंकी प्रदेश में आए हैं।
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उनके बारे में सटीक सूचनाएं नहीं मिल रही हैं। खुफिया एजेंसियां और पुलिस उनकी तेजी से तलाश कर रही हैं। बिहार के आतंकी तहसीन के बारे में भी सटीक सूचना नहीं है। बैठक में एडीजी जीएल मीणा, वाराणसी के डीआईजी ए सतीश गणेश, मिर्जापुर के डीआईजी लालजी शुक्ला, जिलाधिकारी प्रांजल यादव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इससे पहले आजमगढ़ में कानून व्यवस्था और बीते दिनों जिले में पुलिस पर हमले की घटनाओं पर डीजीपी देवराज नागर ने कहा कि कुछ घटनाओं की समीक्षा में पाया गया कि अपराधियों के पास अच्छे संसाधन है।
पुलिस कहीं कमजोर पड़ी तो उसके लिए पुलिस के पास पहले की तुलना में शक्तियों में कमी होना भी वजह है।