लखनऊ : समाजवादी पार्टी अब अपने बुनियादी मतदाताओं की ओर लौट रही है। पार्टी अब अल्पसंख्यक, पिछड़े और अति पिछड़े युवकों को बड़े पैमाने पर वोटर बनवाएगी। इस अभियान की कमान मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के हाथ में होगी। शुरुआत 29 अक्टूबर को आजमगढ़ में मंडलीय रैली से होगी, जिसमें सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव हिस्सा लेंगे।
ये फैसले सपा की राज्य संसदीय बोर्ड ने लिये हैं। सपा प्रदेश कार्यालय में हुयी बैठक की शुरुआत में ही साप्रदायिक गोलबंदी और मुजफ्फरनगर दंगे से यूपी में बने राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा से हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि साप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। तय हुआ कि प्रदेश सरकार की उपब्लधियों को गाव-गाव तक पहुंचाना है। यह जिम्मा युवा नेताओं के हवाले होगा।
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वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि चुनाव में कामयाबी के लिए मुस्लिम, यादव और अति पिछड़े वर्ग के लोगों को साथ रखने का विशेष प्रयास किया जाए। महिलाओं, किसानों और बेरोजगारों की समस्याओं को दूर करने का अभियान चले। चुनाव में बचे पाच-छह माह के समय का इस्तेमाल ‘लक्ष्य-2014’ को हासिल करने पर लगाया जाए। कहा गया कि दूसरे दलों ने चुनाव आगाज कर दिया है, ऐसे में सपा को पीछे नहीं रहना चाहिए। 29 अक्टूबर से दिसम्बर तक 18 मंडलीय रैली करने का फैसला हुआ।
सूत्रों का कहना है कि राज्य संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने कार्यकर्ताओं के बीच की खींचतान, गुटबंदी खत्म कराने के प्रयास की जरूरत बतायी। विधान परिषद के स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशियों को जिताने के लिए एकजुट होने की बात कही गयी। बैठक में बोर्ड के सदस्य व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, शिव पाल सिंह यादव, अहमद हसन, एसआरएस यादव, अवधेश प्रसाद, ओम प्रकाश सिंह, श्रीपति सिंह, राजेन्द्र चौधरी और केसी पांडेय मौजूद थे।