FARRUKHABAD : मोहम्मदाबाद के ग्राम बीघामऊ में साधू के साथ मारी गयी उसकी चेली का परिवार पुलिस की मुखबिरी का काम करता था। मृतिका भी इस मामले में पुलिस से अच्छी पकड़ रखती थी।
आठ वर्ष पूर्व बाबा श्री राम चैतन्य मृतका कमला देवी के गांव में भागवत कहने आये थे। उस समय श्री राम चैतन्य मौन रहते थे। इसलिए कुछ लोग उन्हें मौनी बाबा के नाम से भी पुकारते थे। सिर्फ भागवत के समय ही वह बोलते थे उसके बाद पुनः मौन हो जाते थे। तीस वर्ष पूर्व पति की मौत हो जाने के बाद कमलादेवी अपने गांव गढ़ी वनकटी में रह रही थी। तभी भागवत के दौरान श्री राम चैतन्य ने कमलादेवी को अपनी चेली बना लिया और दोनो शीतलामाता के मंदिर पर बने एक कमरे में रहने लगे।
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मृतिका कमला देवी की पुलिस से अच्छी साठगांठ रहती थी। पुलिस की मुखबिरी करना उसका व उसके पुत्र अशोक का काम था। अशोक की हत्या आठ वर्ष पूर्व बेबर में कर दी गयी थी। दूसरा पुत्र बबलू शिकोहाबाद में शादी करके अपने बच्चों के साथ रह रहा था। मृतिका के पति पांच भाई थे। जिसमें श्रीपाल सिंह की मौत पहले ही हो चुकी थी। उससे छोटे विजय पाल दिल्ली में रह रहे हैं। अन्य भाई शिव प्रताप सिंह इटावा जेल से प्रधान बंदी रक्षक के पद से रिटायर हुए थे वह उदयपाल सहित कुल चार भाई थे।