लखनऊ। कुंड़ा के राजा, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के भाजपा में शामिल होने की खबरें आ रहीं हैं। जिससे यूपी के राजनीतिक गलियारें में एक बार फिर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। फिलहाल इस बात की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है | यूपी की मौजूदा समाजवादी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके राजा भैया सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे। प्रतापगढ़ के चर्चित डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड में षडय़ंत्र के आरोपों के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सूत्रों की माने तो जिया उल हक हत्याकांड में सीबीआई द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद भी समाजवादी सरकार में राजा भैया खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। सपा के पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी के मुस्लिम नेता व कैबिनेट मंत्री आजम खां के विरोध के कारण ही राजा भैया को दोबारा मंत्री पद नहीं दिया गया था। हालाँकि रविवार को सपा की ओर से डेमेज कंट्रोल के लिए आजम खान और रजा भैया की मुलाकात होने की ख़बरें भी आई थी |
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वहीं दूसरी ओर भाजपा के पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजा भैया पिछले कुछ दिनों से लगातार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के संपर्क में बने हुए थे। हालंकि पहले भी राजा भैया भाजपा की टिकट पर विधान सभा जा चुके हैं, लेकिन मौजूदा समय में वह निर्दलीय विधायक है।
आपको बता दें कि पूर्वांचल के क्षत्रीय क्षत्रपों में मजबूत पैठ रखने वाले राजा भैया की क्षत्रीय बोट बैंक पर बेहद मजबूत पकड़ है। राजनीति के जानकार मानते है कि समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायकों में से अधिकांश क्षत्रिय विधायक राजा भैया के खेमे से आते हैं।
फिलहाल राजा भैया भाजपा के लिए 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी विजय के लिए ट्रंपकार्ड साबित हो सकते हैं। उनके भाजपा में आने से भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर क्षत्रिय बोट बैंक को अपने कब्जे में करती नजर आ रही है। वहीं समाजवादी पार्टी अपने मुस्लिम और आजम प्रेम में सुकुड़ती नजर आ रही है। हम तो यही कहेंगे कि यदि समय रहते नहीं चेते तो प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे मुलायम को इस उम्र में अपनी राजनीति के दुर्दिन एकबार फिर देखने पड़ सकते हैं।