अमेरिका में शटडाउन, 7 लाख कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर भेजे गए

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obamaवाशिंगटन। अमेरिका को जिसका डर था आखिर वही हुआ। अमेरिकी सरकार ने आज शटडाउन का ऐलान कर दिया। अब अमेरिका की अर्थव्यवस्था एक बार फिर संकट के भंवर में फंसती दिखाई दे रही है। इस शटडाउन की घोषणा 1995-96 यानी 17 साल बाद की गई है।

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण अमेरिकी संसद से तय समयसीमा 30 सितंबर की रात तक बजट बिल पास नहीं हो पाया। इसकी वजह से अमेरिका में 17 साल बाद एक बार फिर शटडाउन यानी गैर-जरूरी सरकारी कामकाज बंद कर दिए गए हैं। कई सरकारी दफ्तर, म्यूजियम और नैशनल पार्क बंद कर दिए गए हैं और करीब 7 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को जबरन बिना वेतन की छुट्टी पर भेजा जा रहा है।
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शटडाउन की घोषणा के तुरंत बाद ओबाना ने वीडियो मैसेज के जरिये कहा, ‘कांग्रेस अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह पूरी तरह से नहीं कर पाई। वह बजट को पास करने में विफल रही है, इसके परिणामस्वरूप जब तक कांग्रेस दोबारा फंड नहीं देती तब तक हमारी सरकार कामकाज बंद रखेगी।’ कामबंदी की आशंका को देखते हुए ओबामा ने पहले ही संभावित उपायों पर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने ऐसे विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे इस आंशिक कामबंदी के दौरान भी सेना को बजट आवंटित किया जा सकेगा। ओबामा ने कहा कि शटडाउन को पूरी तरह से दूर करना संभव था, लेकिन विपक्ष का सहयोग नहीं मिलने के कारण यह संभव नहीं हो पाया है। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि यह पार्टी देश में फिर से चुनाव चाहती है।

ओबामा ने कहा, ‘कांग्रेस ने इसे पास कर दिया है और मैंने विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया है। मैंने विधेयक को पारित कर दिया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि आपका वेतन समय पर आ सके। हम इस शटडाउन के कारण आप पर और आपके परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के उपायों पर लगातार काम करते रहेंगे।’

सारा गतिरोध बराक ओबामा के स्वास्थ्य कानून को लेकर है, जिसे ओबामाकेयर भी कहा जा रहा है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन का बहुमत है और उसने अपना अंतरिम बजट पास किया, जिसमें सरकारी खर्च के अनुमोदन के लिए ओबामा के स्वास्थ्य सुधारों के प्रमुख हिस्सों को एक साल के लिए टालने की शर्त रखी गई है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों और सीनेट में उनके सहयोगियों ने मांग की है कि इस कानून को वापस लिया जाए या इस पर होने वाले खर्च के लिए पैसे न दिए जाएं, तभी वे सरकारी खर्च के लिए बिल पारित करेंगे। इस स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े कानून का अधिकांश हिस्सा साल 2010 में ही पारित किया जा चुका है और इसे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी जायज ठहराया है। यह कानून मंगलवार से अस्तित्व में आ जाएगा।

यह ओबामा के कार्यकाल का अहम सुधार माना जा रहा है और वह किसी भी हाल में इसे वापस लेने के लिए तैयार नही हैं। इसके जरिए सरकारी साइट पर हेल्थ बीमा कराया जा सकता है। दूसरी तरफ, रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि यह सुधार नागरिकों के लिए महंगा और आर्थिक विकास के लिए बुरा है।

17 सालों में अमेरिका में कामबंदी का यह पहला मौका है। इसके पहले साल 1995 के दिसंबर में ऐसे हालात 28 दिनों के लिए बने थे। उस वक्त भी डेमॉक्रैट बिल क्लिंटन राष्ट्रपित थे। लाखों सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला और उन्हें छुट्टी पर घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य बीमा और सामाजिक कल्याण की अर्जियों पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद साल 2011 में भी ऐसे हालात बनते-बनते बचे थे।
गतिरोध की वजह से अमेरिका के ऊपर शटडाउन से भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अमेरिकी सरकार की कर्ज सीमा 17 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी। इस समय अमेरिका के कर्ज की सीमा 16,700 अरब डॉलर है। यदि अमेरिकी संसद इसे समय रहते नहीं बढ़ाती है, तो अमेरिका अपने कर्ज चुकाने में नाकाम हो जाएगा और व्यावहारिक रूप से दिवालिया हो जाएगा। इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।