लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार के मेडिकल लीव पर जाने का कारण विपक्ष ने राजनीतिक दबाव बताया है, जबकि सरकार का कहना है कि वह आंखों की समस्या को लेकर दिल्ली के एक अस्पताल मे भर्ती हैं।
विपक्ष का दावा है कि उत्पीड़न और राजनीतिक दबाव की वजह से कुमार की आंखों में समस्या उत्पन्न हुई है। इससे पहले राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने मुजफ्फरनगर दंगों के बाद प्रतिनियुक्ति पर जाने की बात कही थी। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का कहना है कि मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर वहां के अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है जिससे वे दबाव में हैं।
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दंगों के बाद निलंबित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद दुबे के स्थान पर कुमार को भेजा गया था। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि कुमार पर इतना अधिक दबाव डाला गया कि उनकी आंखों में समस्या पैदा हो गई। उनका रक्तचाप भी बढ़ गया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस पर फर्जी रिपोर्ट लिखने का भी दबाव है।
पाठक ने कहा कि इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार की दिल्ली जाने की मंशा के पीछे भी राजनीतिक दबाव ही कारण था।