FARRUKHABAD : अढ़तियान मोहल्ले में स्थित मिर्चीलाल के फाटक में संयोजक डॉ0 रामबाबू पाठक के 25 वें मानस सम्मेलन में जालौन से पधारे मानस मनोहर ईश्वरदास वृह्मचारी नें कहा कि परमात्मा जिसको एक बार मित्र वना लेता है उसका सब कुछ अच्छा होगा। उसे संसार में भटकना नहीं पड़ता है। जिसे भगबान के नाम का विश्वास होगा उसका सब कुछ अच्छा ही होगा। माता सुमित्रा वन गमन के लिये अपने पुत्र लक्ष्मण को जिम्मेदार बताती हैं। मानस सम्मेलन के चौथे दिन मानस विद्वानों नें अपने विचारों में आवाह्न किया काम, क्रोध, लोभ से वचकर परमात्मा का ध्यान करने बाला ही परमात्मा का मित्र है। राम का नाम लेने बाले का वचपन, जबानी, वुढ़ापा तीनों अच्छे गुजरते है।
उन्होने भजन प्रस्तुत किया, जिंदगी एक किराये का घर है एक न एक दिन बदलना पड़ेगा मौत जब तुमको आवाज देगी घर से बाहर निकलना पड़ेगा। विलासपुर छत्तीसगढ़ से आईं मानस कोकिला श्रीमती उमा तिवारी नें कहा, 12 वर्ष तक कामदगिरी, म0प्र0 में श्रीराम नें निवास किया था। राजा वली नें राजा दशरथ से ताज या राज दोनो में से किसी एक को देने को दबाब डाला दबाब में आकर माता कैकयी के सुझाव पर राजा दशरथ नें बाली को अपना ताज उतारकर दे दिया जिससे उनका राज सुरक्षित रह सके। विधाता नें राम वन गमन पहले ही निश्चित कर दिया था जिससे राक्षसों द्वारा संतो को सताये जाने एवं राक्षसों का नाश करने के लिये ही राम का 14 वर्ष के लिये वनवास हुआ।
ललितपुर से पधारीं मानस कोकिला सुश्री कृष्णा मिश्रा नें कहा संसार के नाते रिश्ते केवल स्वार्थ के हैं पर जीवात्मा एवं परमात्मा का नाता विना स्वार्थ के आजीवन प्रेम पूर्ण नाता है। सुमित्रा चरित्र पर वोलते हुये मानस कोकिला सुश्री मिश्रा नें कहा, श्रीराम के वन गमन के समय अपनी माता सुमित्रा से लक्ष्मण वन गमन की आज्ञा मांगते हैं माता सुमित्रा लक्ष्मण से कहती हैं श्रीराम व सीता तुम्हारे माता पिता के समान हैं वन जाकर 14 वर्ष तक दोनो की खूव सेवा करना। माता सुमित्रा नें अपने पुत्र लक्ष्मण को ऐसे संस्कार दिये जिससे भारतीय संस्कृति व सभ्यता धन्य हो गयी। उन्होने कहा कि हमें अपने जीवन में रामायण सुनने के साथ उसे अपने जीवन में उतारना चाहिये जिससे हमारा कल्याण हो सके।
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अन्त में उन्होने भजन प्रस्तुत किया, राम मेरी लागी लगन मत तोड़ना बीच भबर में पड़ी मेरी नैया बीच भवर मत छोड़ना। संयोजक डॉ0 रामबाबू पाठक नें बताया अन्तिम दिन प्रातः वेला में मानस पर शोध करने बाली 5 महिलाओं को सम्मानित किया जायेगा। तवले पर संगत मुन्ना नें एवं संचालन पं0 रामेन्द्र शास्त्री नें किया। इस अबसर पर राधेश्याम गर्ग, दिवाकर लाल अग्निहोत्री, आलोक गौड़, सुजीत पाठक बंटू, राधेश्याम तूफानी, रमेश चन्द्र चतुर्वेदी, शशि रस्तोगी, मधु गौड़, सुषमा दीक्षित, श्रीमती कमलेश दीक्षित व अशोक रस्तोगी सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।