फर्रुखाबाद: डॉक्टर्स के समय से ओपीडी में न बैठने के मुद्दे पर सामाजिक संगठन के विरोध और बबाल के बाद सोमवार को शुरू हुई हड़ताल मंगलवार को भी जारी है| ग्रामीण इलाको से इलाज के लिए आये मरीज बाहर गेट पर बैठ व्यवस्था सुचारू रूप से चलने का इन्तजार कर रहे है| वहीँ गेट पर सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात है| वकीलों का कहना है कि जब तक कोई अति गंभीर मुद्दा न हो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी डॉक्टर्स की हड़ताल को जनहित में न्यायसंगत नहीं मानता है| प्रशासन को इसमें सख्त कार्यवाही करनी चाहिए| अस्पताल सार्वजनिक सम्पत्ति है और आवश्यक सेवाओ के तहत आती है लिहाजा गेट पर ताला डालना भी सरकारी पद के दुरूपयोग जैसे अपराध की श्रेणी में आता है| नगर के कई सामाजिक संगठन इस मसले पर एक राय होकर मामले को गंभीरता से ले रहे है| नगर के पांच सक्रिय संगठनों ने भी इस हड़ताल के विरुद्ध मोर्चा खोलने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है|
बाहर मरीज कराह रहा, अन्दर पिट रही तालियाँ-
सोमवार को सुबह ओ पी डी खुली थी मगर डॉक्टर्स समय से ओ पी डी नहीं पहुचे थे| इसके बाद सामाजिक संगठन कार्यकर्ताओं ने सी एम् एस को विरोध दर्ज कराया तो दोनों पक्षों की और से तनातनी हो गयी| इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने मरीजो को अस्पताल से बाहर निकाल गेट पर ताला डाल दिया और हड़ताल कर दी थी| इसके बाद सी एम् एस की तहरीर पर सामाजिक संगठन के पदाधिकारी पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा भी लिखा गया है| पहले से काम में लापरवाही के आरोप झेल रहे अब स्वास्थ्य कर्मियों को काम न करने का एक बहाना मिल गया है| अन्दर अस्पताल के स्वागत कक्ष के हाल में कुर्सियां डाल भाषण बाजी और तालियाँ पीटी जा रही और बाहर मरीज बीमारी से कराह रहा है|
मरीजो को देखें उसके बाद दबाब भी बनाये-
बाहर मरीजो का कहना है कि उनका क्या दोष है? अगर गिरफ्तारी के लिए दबाब बनाना है तो ओ पी डी समय के बाद भी बनाया जा सकता है| वैसे भी डॉक्टर्स यहाँ घंटा दो घंटा रस्म अदायगी करते है| और ओ पी डी समय के बाद प्राइवेट प्रक्टिस करते नजर आयेंगे| तब नहीं कहेंगे कि आज हड़ताल है| सभी जनता के टैक्स से मिलने वाला वेतन भी लेंगे| और जनता पर ही गुर्रायेंगे| यह कहाँ का इन्साफ और इंसानियत है| एक बार नौकरी मिल जाए फिर काम करना नहीं चाहते| और काम करना पड़े तो कुछ अतिरिक्त कमाई चाहिए? वेतन के बदले काम की भावना नहीं रह गयी है|
जाँच के बाद कड़ी कार्यवाही होगी-
वहीँ पुलिस का कहना है कि अस्पताल कर्मियों की तहरीर पर तुरंत मुकदमा लिखा गया है| अब जाँच के बाद कड़ी कार्यवाही भी होगी| डॉक्टर्स मानवता के नाते भी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाए, मरीज दूर दराज से आये है उनके लिए तो डॉक्टर भगवान् से कम नहीं| किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जायेगा|