लखनऊ: सफारी सूट पहने सेक्रेटरी, बा-अदब अर्दली और सचिवालय का पास लगी एंबेसडर कारों से घूमकर ठगी करने वाले फर्जी आईएएस अफसरों के गैंग का खुलासा करते हुए साइबर क्राइम सेल ने शुक्रवार दोपहर आठ शातिरों को दबोच लिया।
बदमाश आईएएस अफसर बनकर व कॉलचीटर सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से फोनकर कई लोगों से लाखों रुपये ठग लिए।
गैंग का मास्टरमाइंड एनजीओ संचालक है व एक पत्रिका भी निकालता है, जबकि इसमें 35वीं वाहिनी पीएसी और लखीमपुर खीरी कोतवाली की चंदन चौकी में तैनात एक-एक सिपाही भी शामिल हैं।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
इनके पास से चार कारें और 6,43,000 रुपये बरामद हुए हैं। राजधानी में ठगी का ये गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा था।
सीओ हजरतगंज दिनेश यादव ने बताया कि सआदतगंज निवासी टेंट हाउस व्यवसायी नंद प्रकाश मिश्रा और बुलंदशहर के सिराज अहमद ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जांच करने पर शातिर गैंग का खुलासा हुआ।
टेंट व्यवसायी से 25 लाख रुपये ऐंठे
नंद प्रकाश मिश्रा ने तालकटोरा के बिहारीपुर में आवास विकास परिषद की जमीन को फ्रीहोल्ड कराने के लिए एसएस साहिल उर्फ निस्सू भाई नाम के व्यक्ति से संपर्क किया। निस्सू ने उन्हें कई आईएएस अफसरों से संबंध बताते हुए काम कराने का भरोसा दिलाया। कई मुलाकातों में सौदा 70 लाख रुपये में तय हुआ और नंद प्रकाश ने 25 लाख रुपये दे दिए।
बुलंदशहर निवासी को 10 लाख का चूना
इस शातिर ने बुलंदशहर के खुर्जा स्थित मोर्चा स्ट्रीट पठान बाड़ा निवासी सिराज अहमद ने स्लॉटर हाउस की एनओसी के लिए किसी के जरिए ठगों से संपर्क किया। कथित संयुक्त सचिव ने प्रो. राम गोपाल यादव के जरिए काम कराने का आश्वासन दिया। सौदा 50 लाख में तय हुआ।
वीवीआईपी गेस्टहाउस पर कथित संयुक्त सचिव के पीएसओ चौबे ने सिराज से 10 लाख रुपये लिए और एक मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि दिल्ली में इस नंबर पर संपर्क कर बाकी की रकम दे देना। संदेह होने के बाद नंद प्रकाश व सिराज ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।
सीएम के मोबाइल नंबर से अफसरों को फोन!
मास्टरमाइंड ने खुलासा किया कि उसने कॉलचीटर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर कई आईएएस अफसरों को भी ठग लिया। उसने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में सीएम का नंबर डालकर आईएएस अफसरों को फोन किया गया।
अफसर सीएम का नंबर देखकर झांसे में आ गए। इसके बाद शातिरों ने एक आईएएस अफसर के पास पत्रिका में विज्ञापन देने के लिए किसी को भेजा। उक्त व्यक्ति के दफ्तर में पहुंचते ही अफसर ने उसकी खास मेहमाननवाजी की। विज्ञापन तो दिया ही, भविष्य में और काम देने का भरोसा भी दिलाया।
सूत्रों के मुताबिक तीन आईएएस अफसर इसी तरह ठगों का निशाना बने। एक से पांच लाख, एक से तीन व एक से सवा लाख रुपये लेने की बात सामने आई है। हालांकि फजीहत के डर से किसी ने शिकायत नहीं की।
सचिवालय पास की जांच
ठगों के पास सचिवालय के कार पास कहां से आए? पास असली हैं या नकली? पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है। अगर पास असली हैं तो सचिवालय की सुरक्षा भी कठघरे में आ गई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कार के पास बनवाने में सचिवालय के कुछ अफसरों व कर्मचारियों की ही भूमिका है। सीओ हजरतगंज दिनेश यादव ने बताया कि शनिवार को पास की पड़ताल कराई जाएगी।
बॉलीवुड सितारों को बुला जमाई धाक
निस्सू एक पत्रिका निकालता है व उसका एनजीओ शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। लालबाग बीएन रोड स्थित अवध प्लाजा के फर्स्ट फ्लोर पर उसका ऑफिस है।
एनजीओ साहिल फाउंडेशन के जरिए शहर में बॉलीवुड सितारों को बुलाकर भी उसने धाक जमा ली थी। फाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक सूबे के वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अफसर उससे जुड़े थे।
उसके समारोह में अभिनेता प्रेम चोपड़ा, शरमन जोशी, अजय देवगन, जैकी श्राफ व लोकायुक्त एनके मल्होत्रा पहुंचे थे।