यूपी में मोदी की रैली तय, ‘मोदी लाओ, देश बचाओ’

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Modi Rajnathनई दिल्ली। 2014 के लिए बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अपने मिशन में लग गए हैं। लोकसभा चुनाव में सत्ता के नजदीक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी है उत्तर प्रदेश के किले को फतह करना। अगर यहां जीत मिली तो दिल्ली का रास्ता आसान हो जाएगा। इसी के मद्देनजर मोदी अब यूपी में पूरी ताकत झोंकने जा रहे हैं।

नरेंद्र मोदी अगले महीने से यूपी जीतने के मिशन पर निकलेंगे। चुनाव से पहले मोदी यूपी में 22 रैलियां करेंगे। रैलियों का सिलसिला 15 अक्तूबर से शुरू होगा। मोदी के खासमखास अमित शाह भी उनके साथ होंगे।
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मोदी के भरोसे बीजेपी

संगठन को सर्वोपरि मानने वाली बीजेपी उत्तर प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी, बीजेपी के नाम पर नहीं। यूपी में उसका नारा होगा मोदी लाओ देश बचाओ, जबकि अबतक बीजेपी का नारा होता था बीजेपी लाओ देश बचाओ। मोदी के मिशन यूपी के पहले चरण का कार्यक्रम तय हो गया है। 15 अक्टूबर को मोदी यूपी में पहली चुनावी सभा को संबोधित करेंगे।

नरेंद्र दामोदारदास मोदी। बीजेपी के हिन्दू हृदय सम्राट। गुजरात के विकास पुरूष। 2014 में बीजेपी का सबसे बड़ा कार्ड। 2014 में बीजेपी की सफलता का सारा दारोमदार मोदी पर टिका है। उनके इर्द गिर्द ही घूम रहा है पार्टी का सारा प्लान। प्लान दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना है इसलिए उत्तर प्रदेश के लिए आक्रामक, सटीक और प्रभावी कार्यक्रम के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।

अमित शाह को जिम्मा

उत्तर प्रदेश का स्क्रिप्ट लिखने का जिम्मा मोदी के खासम खास अमित शाह पर है। बीजेपी के राम मंदिर आंदोलन के दौरान पार्टी ने यूपी में नारा दिया था, बीजेपी लाओ देश बचाओ। मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए अमित शाह ने 2014 के लिए नारा दिया है मोदी लाओ देश बचाओ।

अमित शाह को मालूम है कि नरेंद्र मोदी दिल्ली की गद्दी पर तभी काबिज हो सकते हैं जब उत्तर प्रदेश से पाटच् को अच्छी खासी सीटें मिलें। सीटें कितनी मिलेंगी, इसका अंदाजा तो अभी मोदी कैंप नहीं लगा पा रहा लेकिन वे इसे लेकर आश्वस्त हैं कि बीजेपी वहां पहले नंबर की पार्टी होगी।

पहली रैली 15 अक्टूबर को

सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में अपनी पहली रैली 15 अक्टूबर को कानपुर में संबोधित करेंगे। उनकी दूसरी रैली 25 अक्टूबर को झांसी में तय की गई है। 8 नवंबर को उत्तर प्रदेश में उनकी तीसरी रैली का कार्यक्रम बहराइच में होना है। ये तीन रैलियां तो तय हैं लेकिन अमित शाह ने ऐसी कुल 22 रैलियों का कार्यक्रम बनाया है। ये सारी रैलियां चुनावी तैयारियों के हिस्से के तौर पर होंगी।

बीजेपी के मुताबिक ये रैलियां तो चुनाव का माहौल बनाने के लिए है। चुनाव के समय धुंआधार रैलियों का कार्यक्रम अलग है। बीजेपी उत्तर प्रदेश के चुनावी गणित को 90 की दशक की ओर ले जाना चाहती है। सवर्ण बीजेपी का पारंपरिक वोटर रहा है। इसलिए कोशिश उसको आक्रामक तरीके से अपनी ओर करने की है।

बीजेपी यूपी में मोदी का बैकवर्ड कार्ड भी खेलेगी। सवर्ण और ओबीसी जातियां को मिला दें तो ये एक जिताऊ फॉर्मूला बन सकता है। मोदी खुद को विकास पुरूष की तरह पेश करेंगे लेकिन पार्टी उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट के तौर पर भी परोसेगी। इसलिए उनकी रैलियां काशी मतलब बनारस और मथुरा दोनों जगह कराई जाएंगी।

मुजफ्फरनगर के दंगे के बाद पार्टी को उम्मीद है कि मोदी के पक्ष में ध्रुवीकरण होना तय है। बीजेपी और यहां मोदी के लेफ्टिनेंट अमित शाह को उम्मीद है कि बीजेपी के लिये माहौल तो अभी ही बन गया है जब मोदी उत्तर प्रदेश में पहुंचे तक नहीं हैं। हालात और बेहतर होंगे जब नमो का उत्तर प्रदेश का धुंआधार दौरा होगा।