मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त एवं इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही दंगे की सीबीआई जांच और बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करने को कहा है।
मुजफ्फरनगर में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग सलाहकार समिति के सदस्य तौकीर रजा खान ने माना कि घटना के एक सप्ताह पहले से तनाव था, इसलिए डीजीपी और एडीजी को सरकार ने यहां भेजा।
उन्होंने कहा कि मालूम होते हुए भी डीजीपी ने कठोर कदम नहीं उठाए। पंचायत होने दी गई। घटनाक्रम में डीजीपी की भूमिका संदिग्ध है, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।
तौकीर ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से हो, गठित न्यायिक समिति पर भरोसा नहीं है। पूरे घटनाक्रम में फिरकापरस्त ताकतों की साजिश को सरकार समझ नहीं पाई।
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उन्होंने कहा कि इस दंगे ने असम और गुजरात की याद दिला दी है। गांव उजाड़ दिए गए हैं, बेघर हुए लोगों के लिए नई कालोनियां बनाई जानी जरूरी हैं। दोषी लोगों को सजा मिलनी चाहिए। मारे गए लोगों की सही संख्या सामने नहीं आई है।
तौकीर शिविरों में भी पहुंचे और बरेली, मुरादाबाद, मेरठ से आई राहत सामग्री लोगों में वितरित कराई।