बोरिंग घोटाले की जाँच को टीमे गठित, अधिशासी अभियंता निलंबित

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FARRUKHABAD : नि:शुल्क बोरिंग योजना में लघु सिंचाई विभाग के अंतर्गत हुए करोड़ों के घोटाले की पुनः जाँच के लिए टीमे गठित कर दी गयी है. जिलाधिकारी पवन कुमार ने पूर्व में हुई जाँच में दोषी अधिशासी अभियंता के अलावा तत्कालीन सहायक अभियंता व अवर अभियंता को निलंबित कर दिया है।

ब्लाक शमसाबाद में लघु सिंचाई विभाग के अंतर्गत तत्कालीन जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी ने विगत वर्ष हुए घोटाले के मामले में योजना का शतप्रतिशत सत्यापन कराया था। जांच रिपोर्ट में घोर अनियमिततायें उजागर हुई थीं। जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने अधिशासी अभियंता के अलावा सहायक व अवर अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई को शासन को लिख दिया था। शासन ने अब अधिशासी अभियंता इटावा जीसी गुप्ता, तत्कालीन सहायक अभियंता संजय कुमार व अवर अभियंता शमसाबाद सतीश चंद्र मौर्या के निलंबन के आदेश कर दिये हैं।

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जिलाधिकारी पवन कुमार ने अब पूरे जनपद में लघु सिंचाई के कार्यो का नये सिरे से सत्यापन कराने को न्याय पंचायतवार अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। मुख्य विकास अधिकारी सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2012-13 में मनरेगा से 367 व जिला योजना से 1264 नि:शुाल्क बोरिंग की गयीं थी। पूर्व में केवल मनरेगा के तहत करायी गयी नि:शुल्क बोरिंगों का सत्यापन कराया गया था। इस बार समस्त कार्यो का सत्यापन न्याय पंचायतवार अधिकारी नियुक्त कर कराया जा रहा है। सत्यापन अधिकारियों से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गयी है।