नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप के चारों दोषियों की सजा पर साकेत कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है। जज ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला शुक्रवार तक सुरक्षित रख लिया है। चारों को कल कोर्ट ने रेप, हत्या, साजिश सहित 13 धाराओं में दोषी करार दिया था। पुलिस ने आज चारों दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर के लिए फांसी की सजा की मांग की है। क्या-क्या हो रहा है सुनवाई के दौरान पढ़ें-
-सजा पर फैसला शुक्रवार तक सुरक्षित।
-बचाव पक्ष की ओर से सजा पर बहस पूरी।
-मुकेश ने जो नहीं किया, उसकी सजा न दी जाए। वो सिर्फ बस चला रहा था-मुकेश का वकील
-पवन गुप्ता की कम उम्र और सामाजिक पृष्ठभूमि को देखा जाए। उसे मौत की सजा न दी जाए। कम उम्र और अनपढ़ पवन शराब के नशे में था- पवन का वकील
-पवन को मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए। पवन केवल 19 साल का है और उसे सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए है- पवन का वकील
-पवन बस में सवार हुआ हो सकता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उसने सभी अपराध किए- पवन का वकील
-मौत की सजा मूलभूत अधिकारों का हनन है- बचाव पक्ष के वकील
-अपराध अचानक से हुआ, पहले से योजना नहीं बनाई गई थी- बचाव पक्ष के वकील
-दोषियों की कम उम्र को देखते हुए उन पर नरमी बरती जाए, ऐसे मामलों में अब तक उम्रकैद ही दी जाती है, फांसी की सजा अपवाद है – बचाव पक्ष के वकील
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-बचाव पक्ष ने कोर्ट में जिरह शुरू की। शिंदे के फांसी की उम्मीद वाले बयान पर डिफेंस की आपत्ति। कोर्ट ने कहा के ये उनकी अपनी राय, अदालत सबूतों के आधार पर चलती है।
-दोषियों पर कोई दया न दिखाई जाए, इन्होंने एक मासूम लड़की की जान ली, वो गिड़गिड़ाती रही पर दोषी नहीं माने- अभियोजन पक्ष के वकील
-कोर्ट में पुलिस ने चारों के लिए फांसी की मांग की।
-दिल्ली पुलिस कड़ी सुरक्षा में चारों को लेकर कोर्ट पहुंची।
-कोर्ट के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था।
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कौन-कौन सी धाराएं लगीं?
– धारा 302 यानि हत्या की धारा, इसमें उम्रकैद से फांसी तक की सजा है।
– 376(2G) यानि गैंगरेप- इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद की सजा है।
– धारा 307 यानि हत्या की कोशिश- इसमें 10 साल कैद की सजा है।
– धारा 394 यानि लूट और चोट पहुंचाना- इसमें 10 साल कैद है।
– धारा 395 यानि डकैती- इसमें उम्रकैद का प्रावधान है।
– धारा 386 डकैती के साथ हत्या- इसमें उम्रकैद या फांसी का प्रावधान है।
इस केस में हर कोई दोषियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहा है। ऐसी सजा जो नजरी बने, ऐसी सजा जिसके बाद कोई भी ऐसी हरकत करने से डरे। पीड़ित परिवार समेत ज्यादातर लोग फांसी से कम सजा के लिए तैयार नहीं।