लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दंगों के बाद तनाव जारी है। मरने वालों की तादाद में लगातार इजाफा होता जा रहा है। अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 तक पहुंच चुकी है। हिंसा में अब तक 90 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। सेना की मौजूदगी के बाद भी हालात बेहद तनावपूर्ण हैं।
इससे पहले आज मुजफ्फरनगर दंगे पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अरुण कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि दंगे में मारे गए लोगों की संख्या 28 तक पहुंच गई है। 90 लोगों की गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि फुगाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष ओमवीर सिरोही को निलंबित कर दिया गय़ा है। इसके अलावा तीन थाना क्षेत्रों में हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
अरुण कुमार ने कहा कि कल कुछ जगहों पर उपद्रव हुआ था। पंचायत के मामले में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। कल से अब तक करीब पैंतीस और कुल 90 गिरफ्तारियां हुई हैं। कल सबसे ज्यादा फुगाना क्षेत्र में घटनाएं हुईं। थानाध्यक्ष ओमवीर को निलंबित किया गया है और अनिल त्यागी को लगाया गया है। गोरकला, सागू, थाना क्षेत्रों में सभी असलहों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
फुगाना थाने में कल सबसे अधिक घटनाएं होने की वजह से वहां के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है और नए इंसपेक्टर की नियुक्ति हो रही है। जिन लोगों ने भड़काऊ भाषण दिया है, उन्हें नामजद किया गया है।
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नेताओं की धरपकड़ के लिए छापेमारी
सरधना के बीजेपी विधायक संगीत सोम की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। उन पर भड़काऊ भाषण का आरोप है। साथ ही बीजेपी विधानमंडल दल के नेता हुकुम सिंह, कांग्रेस नेता हरेंद्र मलिक (पूर्व सांसद), बीजेपी विधायक संगीत सोम, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत, बीकेयू नेता राकेश टिकैत, बीजेपी विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह, बीजेपी विधायक सुरेश राणा को गिरफ्तार करने लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
उधर, सेना का पुलिस के साथ मेरठ में भी फ्लैग मार्च जारी है। सेना के दो कॉलम मेरठ में स्टैंड बाय पर रखे गए हैं। सेना को लगातार पुलिस के साथ फ्लैग मार्च के आदेश दिए गए हैं। मुज़फ्फरनगर समेत मेरठ के भी सभी शिक्षण संस्थाए बंद हैं। मुज़फ्फरनगर से सटे जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। शामली में भी सेना का एक कॉलम स्टैंड बाय पर रखा गया है। एडीजी भावेश कुमार मुज़फ्फरनगर पहुंचने के बाद हालात का जायजा लेंगे।
क्यों सोया रहा प्रशासन?
मुजफ्फरनगर के बिगड़ते हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कई दिनों से यहां छिटपुट झड़प की खबरें आ रही थीं। लेकिन अखिलेश सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी कान में तेल डालकर सोता रहा। अब जब हालात बेकाबू हो गए तो सेना बुलाई गई।
जानकारी के अनुसार इस समय मुजफ्फरनगर में कुल 38 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसमें से पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियां, रैपिड एक्शन फोर्स की 5 कंपनियां भी शामिल हैं। जबकि 5 अतिरिक्त कंपनियां बुलाई गईं और 13 कंपनियां पहले से ही मौजूद हैं।
हालात बेकाबू होने के बाद डीएम ने सेना की 8 कंपनियां बुलाईं। जिसमें सिर्फ देहात में 5 कंपनियां तैनात की गई हैं। प्रशासन ने पूरे शहर को 8 जोन में बांट दिया है। और पूरे शहर में कर्फ्यू है। केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। इस बीच गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मुख्यमंत्री अखिलेश से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली।