FARRUKHABAD : सोमवार को लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव का दौरा जनपद में है। यह बात तो पहले से ही जग जाहिर हो रही है। अधिकारियों के लिए भयावह स्थिति तब हो गयी जब उन्हें पता चला कि मंत्री विभागों में छापे भी मार सकते हैं। सबसे ज्यादा संकट की स्थिति लोक निर्माण विभाग के सर है। सूचना के आधार पर मंत्री कुछ सड़कों का भी निरीक्षण कर सकते हैं। लेकिन विभागीय कर्मचारी व अधिकारी उनकी आंखों में धूल झोंक कर जो पेचिंग करा रहे हैं उसमें भी पेंच है। पेचिंग होते ही सड़क उखड़नी शुरू हो जाती है।
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लोक निर्माण विभाग अपने भ्रष्टाचार की कलई उजागर न हो पाये इसके चलते हर संभव प्रयास में जुटा है। एक तरफ निरीक्षण भवन का भव्य रंगरोहन तो करा दिया गया लेकिन सड़कों में लग चुकी कोड़ की बीमारी को कैसे दूर किया जाये। इसके लिए वह पेचिंग का सहारा लेने पर जुटे हैं। लेकिन उसमें भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। जो पेचिंग शहर में करायी जा रहीं हैं वह चार वाहन निकलने के साथ ही उखड़ना शुरू हो जाती है। कारण कि उनमें डामर के नाम पर महज खानापूरी की जा रही है। बीते दिन जेएनआई में खस्ताहाल सड़कों की जो दुर्दशा दिखायी गयी थी, उसके बाद जिलाधिकारी पवन कुमार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सड़कों को भी जल्द दुरुस्त कराने के निर्देश जारी किये थे।
जिसके बाद अधिकारियों ने जल्द सड़कों का काम निबटाने को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर शिकंजा कसा था। सड़कों की पेचिंग में सड़क को भी पेंच से कस दिया गया है। कानपुर फतेहगढ़ मुख्य मार्ग की जो दुर्दशा है वह भी किसी से छिपी नहीं है। बड़े से बड़े कद्दावर मंत्री भी इसी सड़क से आते हैं। कुछ दूरी पर तो सड़क उखड़ी पड़ी है। जगह जगह पर गड्ढे हैं। जिला जेल चौराहे पर पेचिंग कर रहे लोक निर्माण के कर्मचारी घटिया किस्म की सड़कों की पैबंद लगाते नजर आये। एक तरफ सड़क पर पेचिंग खत्म नहीं हो पायी तो दूसरी तरफ भी की गयी पेचिंग उखड़ने लगी है। पुनः कर्मचारियों ने उस पर डामर और गिट्टी डालकर गड्ढा भर दिया है। मौके पर मौजूद पीडब्लूडी जेई ने कहा कि जब विभाग के पास पैसा ही नहीं है तो वह अच्छी पेचिंग भी कहां से करायें।