नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगों के बाद गृह मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 2012 में सांप्रदायिक हिंसा के 104 मामले दर्ज किए गए थे। गृह मंत्रालय की इस रिपोर्ट में लिखा है कि 100 से ज्यादा दंगों में 34 लोगों की मौत हुई और 456 जख्मी हो गए। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माना था कि 2012 में उत्तर प्रदेश में 27 दंगे हुए। अखिलेश यादव दंगों का सारा दोष उन संप्रदायिक ताकतों के सिर मढ़ा था जो उनकी सरकार को कमजोर करना चाहती हैं।
अखिलेश राज के पहले 12 महीने कानून व्यवस्था के लिहाज से बदतर साबित हुए हैं और इसने प्रचंड बहुमत की सरकार की हैसियत को ही सवालों के घेरे में कर दिया है।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
पिछले साल यानी 2012 में 1 जून को मथुरा में, 23 जून को प्रतापगढ़, 23 जुलाई और 11 अगस्त को दो बार बरेली में दंगे हुए। यही नहीं, 17 अगस्त को लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद में सड़कों पर उपद्रव हुआ तो 17 सितंबर को गाजियाबाद के मसूरी इलाके में बवाल। 24 अक्टूबर को फैजाबाद में दंगे हुए। इस साल 5 मार्च 2013 को अंबेडकरनगर के टांडा में हत्या के बाद बवाल हुआ और अब मुजफ्फरनगर के हालात सुधारे नहीं सुधर रहे हैं।