विशेष- लाखो की प्रतिमाह कमाई के लिए बेसिक शिक्षा में जारी है अटैचमेंट का अवैध खेल

Uncategorized

corruptionफर्रुखाबाद: शिक्षक दिवस मानाने में बस एक दिन बचा है| उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में भी यह मनाया जायेगा| मगर किस उपलब्धि के साथ| कबाड़ा हो रही शिक्षा गुणवत्ता के साथ या फिर घोटाले के लिए हो रही बदनामी के साथ| या फिर प्रदेश का सबसे बड़ा नौकरी देने वाले उस संस्थान के साथ जिसके साथ उसके अधिकांश पालनहार अपने कर्तव्यो को भूल बड़ी ही बेशर्मी से केवल अधिक से अधिक उपरी कमाई कर लेना चाहते है| चिंतन और मनन का विषय है| गुरु शिष्य परम्परा में गिरावट के लिए पहले दोषी कौन है? गुरु या शिष्य? आज इस स्टोरी में हम आपको उदहारण के साथ ये बताने का प्रयास करेंगे की किस तरह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और शिक्षक मिलकर सर्व शिक्षा अभियान के सब पढ़े और सब बढ़े स्लोगन को पलीता लगा रहे है|

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
फर्रुखाबाद में लगभग 1700 परिषदीय स्कूल है| जिसमे लगभग 1500 ग्रामीण अंचलो में जहाँ विकल्प के रूप से अंग्रेजी शिक्षा की दुकाने नहीं है| शायद सरकार भी यही सोच कर पालिसी बनती है की आर्थिक और सामाजिक पिछड़ापन ग्रामीण अंचलो में नगरो की अपेक्षा ज्यादा है इसलिए शिक्षा प्राथमिकता भी इन्ही इलाको को दी जाती है (केवल कागजो पर)| बहुत जरुरत पड़ने पर ही किसी शिक्षक को दूसरी जगह मूल तैनाती की जगह अटैच किया जाता है| मगर ये अटैचमेंट केवल शैक्षिक कार्यो के लिए होना चाहिए| और स्वत सत्र की समाप्ति पर ख़त्म हो जाता है और शिक्षक को मूल विद्यालय में जाना होता है| अव्वल तो ये अटैचमेंट किसी विद्यालय में शिक्षक कम होने की स्थिति में होना होता है| ये तो बात हो गयी नियम कानून और जिम्मेदारी की| अब मामला इससे कुछ इतर का है|
लोहिया ग्राम के भी शिक्षक अटैचमेंट में है-
जनपद में लगभग ५० शिक्षक जो दूर ग्रामीण अंचलो में मूल रूप से तैनात है वे नगर के आसपास अटैच कर दिए गए| बिना ये चिंता किये कि नियमो का उल्लंघन हो जायेगा या फिर ग्रामीण इलाको के वे बच्चे अशिक्षित रह जायेंगे| जे एन के पास ऐसे 17 नामो की सूची भी आ चुकी है| बाकी की खोजबीन जारी है| इसमें एक विद्यालय तो ऐसा मिला जिसका पिछले वर्ष अस्तित्व ही नहीं था| मगर इस विद्यालय में एक दो नहीं 3 शिक्षक अटैचमेंट की बीमारी लेकर अपने मूल विद्यालय पढ़ाने नहीं गए| अपर प्राइमरी विद्यालय घारमपुर बढ़पुर ब्लाक नाम है उस विद्यालय का जो पिछले वर्ष निर्माणाधीन था| नगर से लगा हुआ विद्यालय| कहने को ग्रामीण इलाके में आता है मगर मुख्यालय से 2 किमी की दूरी पर है| मिड डे मील के रिकॉर्ड में इस साल भी यहाँ खाना बनने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा| हाँ तीन अध्यापक पिछले एक साल से यहाँ तैनात है| जबकि अगर ये अटैच भी किये गए थे तो भी मई के सत्र समाप्ति के साथ इन्हें मूल तैनाती में वापस हो जाना चाहिए थे| मगर नहीं गए| ये तीन महानुभाव है नीलेंद्र गंगवार, गीता देवी और गार्गी यादव| नीलेंद्र की तैनाती सहायक अध्यापक के रूप में अपर प्राइमरी कायमगंज ब्लाक में है| गीता देवी और गार्गी यादव की मूल तैनाती सहायक अध्यापक अपर प्राइमरी नगला झब्ब मोहम्दाबाद है| यानि की एक विद्यालय की दो दो शिक्षका अपने मूल विद्यालय को छोड़ नगर के करीब उस विद्यालय में तैनात रही जिसका निर्माण चल रहा था| बच्चे पढ़ने को नहीं थे और खाना बनने का तो सवाल ही कहाँ उठता| अन्य प्रकार की ड्यूटी से भी पूर्णता मुक्त क्योंकि ड्यूटी तो मूल विद्यालय की सूची के हिसाब से सर्व होती है और वहां वे होती नहीं है| खैर ये सब क्यूँ और कैसे होता है? जिम्मेदार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जिनका पहला काम शिक्षा को सम्भालना होता है| मूलतः देखा गया है कि इन विद्यालयो में गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चे पढ़ते है| क्या कमजोर वर्ग के बच्चो को शिक्षित होने का हक नहीं है ताकि वे भी बड़े होकर समाज में आगे बढ़ सके| जिम्मेदारी की चिंता तो वर्तमान जिलाधिकारी पवन कुमार को भी करनी चाहिए क्योंकि इसका एहसास उन्हें भी है| वे खुद भी प्रैक्टिकलमैन है| समाज के कमजोर वर्ग को अच्छा शिक्षित कर दो बाकी की समस्या वे खुद हल कर लेंगे, क्या ये सच नहीं है| लिखने की बात नहीं है कि ये सब खेल कामचोर मास्टरों से धन उगाही के लिए किया जाता है| इस भ्रष्टाचार की शतरंज पर मोहरे बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाबू सजाते है और चाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चलता है|

अब देखिये कौन कौन कहा कहा अटैच है-
१- पुष्पलता- सहायक अध्यापक- जूनियर मलिखर मोह्मदाबाद- अटैच- जूनियर नूरपुर गढ़िया बढ़पुर
२- गार्गी यादव- सहायक अध्यापक- अपर प्राइमरी नगला झब्ब मोहम्दाबाद- अटैच- अपर प्राइमरी घारमपुर बढ़पुर
३-गीता देवी- सहायक अध्यापक- अपर प्राइमरी नगला झब्ब मोहम्दाबाद- अटैच- अपर प्राइमरी घारमपुर बढ़पुर
४- नीलेंद्र गंगवार- सहायक अध्यापक- कायमगंज- अटैच- अपर प्राइमरी घारमपुर बढ़पुर
५- मिथलेश यादव- सहायक अध्यापक- जूनियर भुडिया भेड़ा राजेपुर- अटैच- अपर प्राइमरी ढीलावल
6- विनीता राठौर- शमसाबाद- अटैच- जूनियर गढ़िया बढ़पुर
7- कृष्ण कुमार मिश्र- जूनियर गुठीना- अटैच- जूनियर गढ़िया बढ़पुर
८- चन्द्रावती- जूनियर लोहिया ग्राम मीरपुर- जूनियर नगला पजबा- बढ़पुर
९-व्यास नाथ पाण्डेय- जूनियर विर्सिंग्पुर- जूनियर अर्जुन नगला बढ़पुर
१०- रीना सिसोदिया- जूनियर लाखरुआ मोहम्दाबाद- अटैच- जूनियर जसमई बढ़पुर
११- मनीषा द्विवेदी- हेड टीचर- बीबीपुर कमालगंज- अटैच- प्राइमरी बंधा (घटियाघाट) बढ़पुर
१२- शालिनी यादव- प्राइमरी खाकिन राजेपुर- अटैच- प्राइमरी नूरपुर गढ़िया बढ़पुर
१३- सुधा मिश्रा- अपर प्राइमरी बिलसड़ी कायमगंज- अटैच- अपर प्राइमरी महरूपुर सहजू बढ़पुर
१४- राजीव यादव- हीरानगर राजेपुर- अटैच- बी एस ए दफ्तर में कमालगंज के बाबू के पास अटैच
१५- बहार सहाय- देवरा मोहद्दीपुर नवाबगंज- बी एस ए की वकालत करते है यानि उनके अदालती काम देखते है

१६- राजीव यादव- कायमगंज- प्राइमरी महमदपुर तराई बढ़पुर

उपरोक्त अधिकांश शिक्षक स्कूल में पढ़ाते नहीं है| क्या इनको वेतन मिलना चाहिए? जिस मूल काम की शपथ लेकर ये नौकरी करने आये है उसे पूरा न करने पर इनके साथ क्या होना चाहिए इस पर प्रतिक्रिया नीचे लिख सकते है| ये जानकारी और भौतिक सत्यापन के आधार पर जुताई गयी सूची है| पाठको से अनुरोध है कि अगर इस सूची में नाम कम या ज्यादा है तो हमें सूचित कर सकते है हम संसोधन करेंगे| हाँ वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इस मामले पर अपना व्यक्तव्य देने के लिए सरकारी और निजी मोबाइल दोनों पर उपलब्ध नहीं हुए| लगातार उनसे दो दिन सम्पर्क करने का प्रयास किया गया|