FARRUKHABAD : जनपद के बाढ़ग्रस्त इलाका कायमगंज क्षेत्र के ग्राम गन्डुआ में सिंचाई विभाग द्वारा बनवाये गये परकोपाइन का जिलाधिकारी पवन कुमार ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
निरीक्षण के समय अधिशासी अभियंता सिंचाई एवं सहायक अभियंता ने जिलाधिकारी को बताया कि परकोपाइन बनाये जाने से गन्डुआ ग्राम में गंगा का जल प्रवेश नहीं कर सका, जबकि गंगा नदी बाढ़ से उफना रही है। वहीं ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि परकोपाइन से गांव में बाढ़ का पानी तो नहीं घुसा परन्तु अभी इस प्रकार के तटबंध और भी यहां बनाये जाने की आवश्यकता है। जिस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता रतीराम वर्मा को आदेशित किया कि नदी का जल घट जाने पर यहां पुनः कार्य शुरू करवाया जाये। निरीक्षण के समय उपजिलाधिकारी वी डी वर्मा, तहसीलदार राम जी भी मौजूद रहे।
कटरी तौफीक का प्राइमरी स्कूल कटा
शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम कटरी तौफीक में स्थित प्राइमरी विद्यालय बीते आठ दिनों से गंगा नदी में धीरे- धीरे समा रहा है। लेकिन प्राइमरी विद्यालय को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई भी कारगर उपाय नहीं किया गया है। सिंचाई विभाग के अभियंता सरकारी सम्पत्ति को गंगा में बहते हुए तमाशा देख रहे हैं लेकिन किसी ने स्कूल की बिल्डिंग बचाने की जहमत नहीं उठायी। सोमवार को स्कूल के दो कक्ष गंगा के कटान में ढह चुके हैं। वहीं प्रशासन अनजान बना हुआ है।
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रामगंगा का जल स्तर बढ़ना जारी, गंगा स्थिर
गंगा व रामगंगा में बाढ़ की प्रतियोगिता सी छिड़ती दिखायी दे रही है। जो तटवर्ती ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रहीं हैं। बीते दो सप्ताह से जहां गंगा नदी का जल स्तर कम हुआ वहीं रामगंगा का जल स्तर इतनी तेजी से बढ़ गया कि ग्रामीणों को घर खाली कर भीषण गर्मी में मोमिया इत्यादि तानकर रहने के लिए मजबूर कर दिया। सोमवार को गंगा का जल स्तर 136.30 मीटर व रामगंगा का जल स्तर 136.70 मीटर पर दर्ज किया गया। वहीं गंगा में नरौरा बांध से 87 हजार 464 क्यूसेक व रामगंगा में 8911 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे फिलहाल के दिनों में गंगा व रामगंगा की बाढ़ से ग्रामीणों को निजात मिलती दिखायी नहीं दे रही है। बीते लगभग दो माह से गंगा की बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीण अब मलेरिया, डायरिया इत्यादि कई बीमारियों से ग्रसित हो चुके हैं, जिनको मात्र झोलाछाप डाक्टरों का ही सहारा बना हुआ है।