फर्रुखाबाद: शासन द्वारा प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों में आपात स्थिति के दौरान डाक्टरों को तुरंत मौके पर पहुंचने के लिए घंटे लगाये गये थे। जिससे दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले लोग अस्पताल में पहुंचकर डाक्टर के न होने पर घंटा बजाकर उस तक अपनी बात पहुंचा सकें। लेकिन कामचोरी में माहिर लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने घंटे में बांधी गयी जंजीर ही तोड़कर रख ली। जिससे वर्षों से आपातकालीन बार्ड में टंगा घंटा खुद बजने को तरस रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज के तीमारदारों के पास मोबाइल न होने और मोबाइल हो भी तो डाक्टर को तुरंत कैसे बुलायें, इसके लिए घंटे लटका कर सुविधा दी गयी थी कि जब भी कोई मरीज आपातकालीन बार्ड में पहुंचे और मौके पर चिकित्सक मौजूद न हों तो वह घंटा बजाकर उन्हें आमंत्रित कर सकता है। लेकिन बीते वर्ष से दीवार में लटके घंटे की आवाज तो दूर किसी मरीज ने उसे छुआ तक नहीं। कइयों को तो जानकारी ही नहीं कि आखिर यह घंटा टंगा क्यों है। इसका पूरा फायदा अस्पताल प्रशासन ले रहा है। घंटे को काफी ऊपर लटकाया गया है, जिससे मुसीबत में आने वाले मरीजों का दिमाग उसकी तरफ न घूमे और कर्मचारियों को कुछ सुकून ही मिले।
लोहिया अस्पताल में आने वाले किसी भी अधिकारी व राजनीतिक हस्ती की नजर घंटे पर नहीं गयी। वर्षों गुजर जाने के बाद भी घंटा बजने के लिए इंतजार कर रहा है।