शनिवार का दिन आसाराम पर भारी पड़ सकता है. जोधपुर से इंदौर, इंदौर से सूरत और सूरत से भोपाल और भोपाल से फिर इंदौर. अब इंदौर पुलिस के हवाले से खबर आयी है कि आसाराम यहां के आश्रम में भी नहीं है. इस बीच आसाराम के समर्थकों ने जोधपुर में मीडिया के साथ मारपीट भी की है.
पुलिस आसाराम को आज कभी भी कानूनी शिकंजे में कैद कर सकती है. भोपाल से भागकर इंदौर आश्रम पहुंचे आसाराम को जोधपुर पुलिस आज गिरफ्तार कर सकती है. जोधपुर से पुलिस की एक टीम भी इंदौर के लिए रवाना हो चुकी है. देर रात जोधपुर से पुलिस टीम इंदौर के लिए निकली है.
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
आसाराम भोपाल से फ्लाइट पकड़कर इंदौर जाने वाले थे. लेकिन एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने मीडया से बदसलूकी की. कुछ पत्रकारों से मारपीट भी हुई. हंगामे के चलते ही आसाराम की फ्लाइट छूट गई, जिसके बाद देवास के रास्ते से आसाराम इंदौर पहुंचे. लेकिन भोपाल से लेकर देवास और इंदौर तक आसाराम ने किसी से भी बातचीत नहीं की.
आसाराम गाड़ी में आगे की सीट पर बैठे थे और देवास बाई पास पर बिना टोल टैक्स चुकाए इंदौर के लिए रवाना हो गए. बाईपास पर जब मीडिया ने उन्हें देखा तो उन्होंने कैमरा देखकर मुंह छिपा लिया.
डेडलाइन पार की लेकिन पेश नहीं हुए
पुलिस से बचते फिर रहे हैं आसाराम बापू को शुक्रवार रात 9 बजे तक जोधपुर पुलिस के सामने पेश होना था लेकिन वे कोई न कोई बहाना बनाकर पेश होने से बचते रहे. अब उनके ऊपर कानूनी शिकंजा सख्त होता जा रहा है. आसाराम भी ये बात जानते हैं इसीलिए एक जगह टिक नहीं रहे हैं. समधी की मौत पर भोपाल पहुंचे तो शाम को इंदौर के लिए रवाना हो गए. जोधपुर पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए आसाराम बापू भागे-भागे घूम रहे हैं. आसाराम ने हर हथकंडा अपनाया. कोर्ट में अर्जी लगाई लेकिन हर जगह से मायूसी ही हाथ लगी.
मिल्खा सिंह से भी तेज भाग रहे हैं आसाराम
जोधपुर से इंदौर, इंदौर से सूरत और सूरत से भोपाल और भोपाल से फिर इंदौर. भागमभाग के इसी दौर में आसाराम बापू ने बचने के भी तरीके आजमाए. अंतिम अरदास के तौर पर अदालत में अर्ज़ी दाखिल करवाई थी कि इस उम्र और इस चोले पर दाग अच्छे नहीं लगेंगे, लेकिन कोर्ट ने भी ठेंगा दिखा दिया.
गुजरात हाईकोर्ट के जज की मुफ्त की सलाह से बाबा का खिला चेहरा भी मुरझा गया. जज साहब ने साफ शब्दों में कह दिया कि बेहतर होगा अर्जी वापस ले लें, खारिज कर दिया तो और मुश्किल खड़ी हो जाएगी. उछलते हुए आसाराम ने अदालत में सफेद झूठ कहलवाया था. सांसारिक बंधनों से मुक्ति की बूटी बेचने वाले आसाराम ने समधी के अंतिम संस्कार में जाने के लिए पाप से पनाह मांगी थी. लेकिन जज ने साफ कह दिया कैसी बात करते हो बाबा, कानून से भला कोई बच सकता है.
हालांकि कोर्ट से पहले भी आसाराम ने पुलिस से बचने की बहुत कोशिश की. पेश होने के लिए मोहलत ली और फिर समधी की मौत का बहाना करके पेश भी नहीं हुए. यही नहीं, अहमदाबाद से लेकर सूरत और जोधपुर से लेकर इंदौर तक भी आसाराम ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई पेश की. लेकिन कानून अपना काम करता रहा, इसीलिए पुलिस से बचने के लिए आसाराम भाग गए भोपाल से इंदौर.
इधर जब भोपाल में आसाराम के चेले गदर मचाए हुए थे तो राजस्थान में मथानिया के पास उनके भाई बंधु आतंक का अलग प्रसाद बांट रहे थे. धमकी से लेकर प्रवचन तक हर बार आसाराम और उनके चेलों ने आरोपों को गलत बताने की कोशिश कर रहे हैं. तो बेटी के दर्द से जख्मी पिता भी दुनिया को अपनी सच्चाई बता रहा है.
नहीं बचा कोई हितैषी, राम जाने कब तक बचेंगे आसाराम
आसाराम का सच में बुरा वक्त चल रहा है, आलम ये है कि आसाराम के हितैषी भी अब गायब हो गए हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक तो पार्टी के हर नेता को आलाकमान ने इस मुद्दे पर बयानबाजी करने से रोक दिया है. लिहाजा आसाराम भागते फिर रहे हैं और पुलिस उन तक पहुंचने की तैयारी में जुटी है. अब राम ही जानें, कब तक बचेंगे आसाराम.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आसाराम पर वार किया है. उन्होंने बिना आसाराम का नाम लिए कहा कि फर्जी संतों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आसाराम से नजदीकी से इनकार किया है. उन्होंने कहा, पिछले 10-12 साल से आसाराम से मुलाकात नहीं हुई है. कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी ने चेतावनी दी है कि अगर आसाराम की गिरफ्तारी नहीं हुई तो लोग सड़कों पर उतर सकते हैं.
संगीन आरोप तो पहले भी लगे, लेकिन…
ये पहली बार नहीं है कि आसाराम बापू पर कोई संगीन आरोप लगा है. आश्रम में बच्चों की मौत से लेकर अपने चेले राजू चंडोक की हत्या तक कई बार आसाराम आरोपों में घिरे, लेकिन एक बार भी पुलिस ने उनके ऊपर शिकंजा नहीं कसा.
# जुलाई 2008 में जब आसाराम के अहमदाबाद आश्रम में पढ़ने वाले दो मासूम बच्चों की लाश आश्रम के साथ ही बहने वाली साबरमती नदी में मिली तो घरवालों ने आसाराम के आश्रम को जिम्मेदार ठहराया. पुलिस ने भी हलफनामें में आश्रम में चलने वाले काले जादू और दूसरी रहस्यमयी कारस्तानियों का खुलासा किया था. आसाराम का बाल भी बांका ना हुआ.
# 30 जुलाई 2008 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के गुरुकुल में साढ़े चार साल के बच्चे की लाश मिली. इसके बाद हड़कंप मचा, क्योंकि लाश आश्रम के बाथरूम में ही मिली थी. पुलिस ने इस मामले में गुरुकुल के ही नौवीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को पकड़ा था, जो किसी भी हाल में आश्रम की कैद से आजाद होना चाहता था.
# साल 2009 के दिसंबर में आसाराम बापू पर उन्हीं के एक पूर्व भक्त राजू चंडोक ने हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी. वारदात तब हुई थी, जब राजू एक रात बाइक से अपने घर लौट रहे थे. अंधेरे में दो लोगों ने हत्या के इरादे से उन पर गोली चला दी थी. गुजरात पुलिस ने आसाराम को इस मामले में भी नामजद किया था.
# आसाराम पर सबसे संगीन आरोप 2013 की 15 अगस्त को लगा. जब पुलिस ने नाबालिग से यौन उत्पीड़न केस में आसाराम को आरोपी बनाया. बावजूद इसके आसाराम आजाद घूम रहे हैं. सवाल है कि क्या संत का चोला पहने एक शख्स के आगे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का कानून कमजोर पड़ गया है.