FARRUKHABAD : आज गली की कोई खबर नहीं आयी, यह इंतजार किसी प्रेमिका के सुख दुख की खबर का नहीं, यह इंतजार सटोरियों द्वारा सट्टे के नम्बर के लिए किया जा रहा था। जेएनआई रिपोर्टर से रूबरू हुए एक सट्टे के लती युवक का कहना था कि आज गली की कोइ खबर नहीं आयी। जिससे उसका मूड़ भारी है।
लालदरबाजे तिराहे पर रखे खोखे पर जैसे ही जेएनआई रिपोर्टर की निगाह पड़ती है तो खोखे पर दर्जनों अधनंगे युवक व बूढ़े बैठे हुए थे। एक पूछता है यार आज गली की कोई खबर नहीं आयी। दूसरा बोला अभी नहीं लेकिन यह तय है कि आज हमारा आयेगा। तब तक दूसरा बोल पड़ा कि हमारा जरूरी आयेगा क्योंकि उसे तो एक बाबा ने नम्बर दिया है। तब तक तीसरा बोला कि सट्टा तो हमारा ही निकलना है, बाकी सब फुस्स। सभी भौचक्की आंखों से उसकी तरफ नटेरकर देखते हैं कि आखिर इतने विश्वास के साथ वह युवक कैसे कह सकता है।
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सटोरिये युवक ने तर्क देते हुए कहा कि कल रात उसने सपने में कुत्ते को भौंकते सुना, जिससे उसने 52 नम्बर खेला है, जोकि जरूरी ही फंसना है। तब तक अगला बोल पड़ा कि उसका तो जरूरी ही आना है क्योंकि उसने सपना देखा है कि दो सांप आपस में लड़ रहे थे। जिससे सांप के सात व जोड़े के दो अंक दहाई व इकाई अंकों के साथ जोड़ने पर 72 बना जाकर।
तब तक एक और साहिबान बोल पड़े कि नम्बर तो उन्हीं का आना है क्योंकि उन्होंने रात को सपने में देखा कि एक चारपाई को चार लोग लिये जा रहे हैं। जिससे मैने रात में ही गणित लगाना शुरू कर दिया और इस हिसाब से चारपाई के चार एवं चार व्यक्तियों के चार मिलाकर 44 नम्बर आयेगा। उसने पूरा पैसा 44 नम्बर पर ही दाव लगा दिया।
इसी तरह लगभग सभी फटेहाल व्यक्तियों को सट्टा का नम्बर फंसने की आशा थी। जेएनआई रिपोर्टर से नहीं रहा गया तो उसने पूछ ही दिया कि भाई क्यों झगड़ रहे हों, तब सभी एक स्वर में बोल पड़े अरे भैया गली का सट्टा नम्बर निकलने ही वाला है। रिपोर्टर बोला भाई सट्टा नम्बर ता सुबह निकलता है तो फिर यह शाम को कैसे निकल गया। सभी हंस पड़े और बोले अरे नहीं अब तो सट्टा सुबह ही नहीं लेकिन सुबह शाम दोनो समय लगता है। फिलहाल बड़ी ही आशा भरी नजनों से गरीब व्यक्ति सट्टा नम्बर की खबर के लिए बैठे थे।
जिनकी हालत देखकर कोई भी इस कानून व्यवस्था पर उंगली उठाने के लिए तैयार हो जायेगा। लेकिन सच तो यह है कि शहर में सुबह शाम दोनो समय गली मोहल्लों में सट्टे की दुकानें सज रहीं हैं। सट्टा माफिया बेखौफ हो अपने धन्धे को अंजाम दे रहे हैं, जिसकी काली कमाई में पुलिस भी बराबर की हिस्सेदार बतायी जा रही है। जिससे शहर में सैकड़ों गरीब परिवारों के चूल्हे ठंडे होने के कगार पर पहुंच चुका है। लेकिन पुलिस प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन को जनता की इस समस्या से कोई लेना देना दिखायी नहीं पड़ता। शहर के खटकपुरा, तलैया मोहल्ला, असगर रोड गढ़ी कोहना, जीआईसी वाली गली के सामने के अलावा अन्य दर्जनों जगहों पर खुलेआम सट्टा कारोबार किया जा रहा है।