लखनऊ: हाईकोर्ट के जज (ओएसडी) गौरव प्रकाश श्रीवास्तव की पत्नी रुपाली (41) की सोमवार को बलरामपुर अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई। उन्हें 22 अगस्त की शाम को तेज बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जज की पत्नी की डेंगू से मौत की सूचना मिलने के बाद बलरामपुर अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य विभाग और हाईकोर्ट में हड़कंप मच गया।
उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश ने प्रथम दृष्टया लापरवाही मानते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कुमार, अस्पताल निदेशक डॉ. टी.पी.सिंह और रुपाली का इलाज कर रहे डॉ.सुनील कुमार को तलब कर लिया।
पूरे दिन पूछताछ के बाद इलाज सम्बंधी सभी दस्तावेज सील कर दिये गए। इसके साथ ही महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण को मामले की जांच के निर्देश दिये गए हैं।
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बटलर पैलेस निवासी जज गौरव प्रकाश श्रीवास्तव ने 22 अगस्त की शाम को तेज बुखार से पीड़ित पत्नी रूपाली को इमरजेंसी में भर्ती कराया।
उन्होंने पत्नी को वहां भर्ती कराने से पहले लालबाग स्थित सराफा पैथोलॉजी से उनकी खून की जांच करायी थी। जहां रिपोर्ट में रुपाली को डेंगू पॉजिटिव पाया गया था।
रिपार्ट पॉजिटिव आने के बाद रुपाली को इमरजेंसी से प्राइवेट डीलक्स वार्ड में भर्ती करा दिया गया। बलरामपुर अस्पताल में भी खून की जांच में प्लेटलेट्स काउंट्स कम होने की पुष्टि हुई।
इसी बीच 24 अगस्त को रुपाली का बुखार कम हो गया लेकिन प्लेट्लेट्स काउंट 16000 तक पहुंच गये। उनका इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ.सुनील कुमार गुप्ता ने 25 अगस्त को प्लेटलेट्स यूनिट चढ़ाने के साथ ही मरीज को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रेफर करने की सलाह दी।
बताया जा रहा है कि बुखार कम होता देखकर उन्हें एसजीपीजीआइ नहीं भेजा गया। इस दौरान उनका इलाज जारी रहा। अस्पताल निदेशक डॉ.टी पी सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह रूपाली नित्यक्रिया से निवृत्त होकर बिस्तर पर पहुंची तो अचानक उनकी हालत गंभीर हो गई थी।
इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञ भी वहां पहुंच गए। उस समय मरीज का ब्लड प्रेशर बिलकुल डाउन हो चुका था।
सूचना मिलते ही आठ बजे तक अस्पताल के उच्चाधिकारी भी वहां पहुंच गए लेकिन 9.30 बजे रूपाली की मौत हो गई। जज की पत्नी की मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया।
उच्चाधिकारियों से लेकर इलाज कर रहे डॉक्टरों की नौकरी पर बन आयी। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ.डी.के.श्रीवास्तव, महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ.बलबीर सिंह अरोड़ा भी वहां पहुंच गए।
जब जज की पत्नी की मौत की सूचना हाईकोर्ट पहुंची तो वहां के वरिष्ठ न्यायाधीश ने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य सहित सभी अधिकारियों को कोर्ट तलब कर लिया और इलाज में लापरवाही बरतने पर कड़ी फटकार लगायी।
इसके बाद पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए। इसके चलते अस्पताल में शाम तक अफरा-तफरी मची रही। दोनो महानिदेशक देर शाम तक अस्पताल में जांच-पड़ताल के लिए डटे रहे।
इसी बीच देर रात प्रथम दृष्टया इलाज में लापरवाही के दोषी पाए गए डॉ. सुनील कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है।
एक महीने पहले ही आए हैं डॉ.सुनील
रूपाली का इलाज करने वाले फिजीशियन डॉ.सुनील कुमार गुप्ता एक माह पूर्व ही बाराबंकी से स्थानांतरित होकर बलरामपुर अस्पताल आए हैं।
डॉ. गुप्ता को परामर्शदाता के पद पर तैनाती मिली थी। जज की पत्नी के इलाज में लापरवाही बरतना उन्हें भारी पड़ गया। यहां तक की देर रात उनको निलंबित भी कर दिया गया।
यही नहीं जज की पत्नी की अकास्मिक मौत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए आफत बनकर टूट पड़ी। बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों को लापरवाही का जिम्मेदार ठहराते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच भी शुरू कर दी गई।
शाम तक डॉक्टर मौत के कारणों की दलीले देते रहें लेकिन उनकी बात को नहीं माना गया। इसके बाद डीजी परिवार कल्याण और डीजी हेल्थ को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गए।
शाम को चार बजे के बाद अधिकारियों ने अस्पताल पहुंच कर बेड हेड टिकट (बीएचटी) और पैथोलॉजिकल रिपोर्टों की फोटो कॉपी, डॉक्टर व नर्स से पूछताछ की।
इसके बाद देर रात डॉ. सुनील को आनन-फानन में निलंबित कर दिया गया। उधर इस मामले की जांच के लिए एसजीपीजीआई और केजीएमयू के चिकित्सकों की भी मदद स्वास्थ्य विभाग लेगा।