संस्कृत महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती जल्द

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teacher-संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से जुड़े संस्कृत महाविद्यालयों में जल्द ही शिक्षकों की भर्ती शुरू होगी। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने महाविद्यालयों से खाली पड़े शिक्षकों के पदों की जानकारी देने को कहा है।
विश्वविद्यालय से प्रदेशभर में 540 महाविद्यालय जुड़े हैं। वहीं देशभर में करीब 650 महाविद्यालय इससे संबद्ध हैं।
महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए पिछले दिनों शासन केसाथ विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षक नेताओं की बैठक हुई।
बैठक के बाद शासन ने शिक्षकों की भर्ती के लिए हरी झंडी दे दी है। हालांकि कई साल पहले संस्कृत शिक्षकों को पेंशन भी नहीं मिलती थी। लेकिन मुलायम सिंह सरकार ने शिक्षकों के लिए पेंशन शुरू की।
कुछ समय पहले मुलायम सिंह यादव ने भी शिक्षकों को भर्ती शुरू करने का आश्वासन दिया था। जिससे शिक्षकों में भर्ती शुरू होने की उम्मीद जगी थी।
बोर्ड की देखरेख में होंगी नियुक्तियां
संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा कहते हैं कि शासन ने खाली पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। नियुक्तियां बोर्ड की देखरेख में होगी और इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक भी सदस्य होंगे।
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1995 से नहीं हो रही थी भर्ती
दरअसल विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों में 1995 से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही थी। नतीजतन कई महाविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। इससे संस्कृत की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।
वहीं नौकरी न मिलने के कारण संस्कृत में उच्च शिक्षा हासिल करने वालों के सामने रोजगार का संकट भी खड़ा हो गया था। विश्वविद्यालय की तरफ से कई बार शिक्षकों की नियुक्ति करने की गुजारिश की गई लेकिन शासन ने उनकी बात नहीं सुनी।

फैसले पर खुशी

संस्कृत में उच्च शिक्षा धारक बनारस के माधव पांडे शासन के फैसले से काफी खुश हैं। पांडे कहते हैं कि संस्कृत जैसी प्राचीन भाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद हम लोगों केपास रोजगार नहीं है।
नौकरी न होने के कारण अब ज्यादातर लोग संस्कृत पढ़ना ही नहीं चाहते हैं। इसके अलावा पढ़ाने के लिए शिक्षक भी नहीं है।