‘दुर्गा’ के शक्तिहीन होने के सबक से प्रशासनिक काम की गति हुई धीमी

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युवा आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल पर कार्रवाई कितनी उचित-अनुचित थी यह तो अलग बहस की बात है, लेकिन इस अफसर पर कार्रवाई से विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को तगड़ा सबक मिला है।
युवा आईएएस अधिकारियों को तकलीफ विशेष सचिव जी श्रीनिवास लू के सस्पेंशन से भी हुई थी। तर्क है कि उनकी बात को सही ढंग से नहीं समझा गया था और गलत तरह से पेश किए जाने पर कार्रवाई कर दी गई थी।
मगर दुर्गा शक्ति के निलंबन से जैसे सांप सूंघ गया है। बहुत सहज और सामान्य तरीके से काम करने वाले कई युवा अफसरों ने जो कहा जाए, उतना करो, समय काटो वाला रास्ता पकड़ लिया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी इस दर्द को बयां करते हुए कहते हैं कि इस कार्रवाई का प्रशासनिक काम पर इतना असर पड़ेगा, इसकी उम्मीद नहीं थी। कई विशेष सचिव आगे आकर तमाम काम करते थे। कहीं भी कहिए हाजिर।
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कुछ दिन पहले तक मुद्दों पर खुलकर राय देते थे। अब वे छोटी-छोटी बात पर भी मार्गदर्शन मांग रहे हैं। जुबानी निर्देश पर अमल के पहले लिखित आदेश देने की पत्रावली बढ़ा दे रहे हैं। इस माहौल को समझने की जरूरत है। वरना, इसका दूरगामी असर पड़ेगा।