KAIMGANJ { FARRUKHABAD} कोतवाली क्षेत्र के ग्राम शिवरई वरियार में विकास कार्य न होने से खफा ग्रामवासी ग्राम प्रधान के विरूद्ध धरने पर बैठ गए। 15 दिन के अंदर अंदर विकास कार्य प्रारम्भ कराये जाने के आश्वासन के बाद अनशन कारियों ने अनशन समाप्त कर दिया।
खण्ड विकास कार्यालय कायमगंज पर मांगों के समर्थन में लज्जावती ग्राम प्रधान शिवरई वरियार के खिलाफ गांव में विकास कार्य न कराने के आरोप लगाते हुये ग्रामीण धरने पर बैठ गये। ग्रामवासियों को कहना है कि वर्तमान समय में जब प्रदेश सरकार के निर्देशों पर गांवों में विकास कार्य तेजी के साथ कराये जा रहे हैं। जबकि उनके गाव की दशा देखने पर पता चलेगा कि गांव में विकास की किरण तक नहीं पहुंची हैं।
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टूटी सड़कों, टूटी और गंदगी से भरी नालियों और आम रास्तों पर बहता हुआ गंदा पानी गांव को नर्क बनाये हुये है। गांव में निकलना बैठना जहां एक भारी समस्या है वहीं टूटी और पानी सड़कों पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं जिनसे लोगों के चोटे आती रहती हैं। गांव में अन्य विकास कार्या के होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव में मूलभूत सुविधाओं के लिए कितना कार्य किया गया होगा।
ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि तीन साल की लम्बी अवधि में ग्राम शिवरई वरियार में ग्राम प्रधान लज्जावती की उदासीनता के चलते तीन साल में विकास कार्य कराये ही नही गये हैं। तीन वर्ष के कार्यकाल में मात्र 1 लाख 70 हजार रूपये ही विकास के नाम पर गांव में व्यय दिखाये गये हैं।
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ग्रामवासियों का यह भी कहना है कि गांव में विकास कार्य न होने के सम्बन्ध में अनेको बार अधिकारियों से शिकायतें की जा चुकी हैं मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। गांव में मनरेगा का बुरा हाल है पेयजल के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है और लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये गांव के विकास का कोई खाता तक नहीं बना। इसी का परिणाम है कि गांव में आने जाने के मार्ग पर गंदगी और कीचड फैली पडी है। रास्तों के किनारे की नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। टूटी फूटी और कीचड पानी भरी सड़कों पर दुर्घटनाएं आम बात हैं। ऐसे में अगर गांव में 15 दिन के अंदर अंदर विकास कार्य शुरू नहीं कराये गये तो ग्रामवासी अपनी आगामी रणनीति पर अमल करने के लिए विवश होगे।
खण्ड विकास कार्यालय में धरने पर बैठे ग्रामीणों की सूचना उपजिलाधिकारी भगवानदीन वर्मा व क्षेत्राधिकारी राजीव कुमार सिंह को लगी तो वह तुरन्त धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों की बात सुनकर उनको आश्वासन दिया कि शीघ्र ही समस्याओं का समाधान किया जायेगा। इसके बाद अधिकारियों के समझाने और आश्वासन देने पर ग्रामवासियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
इस दौरान शैलेश सिंह, देवेन्द्र सिंह, अखिलेश शाक्य, रघुवीर सिंह, विक्रम सिंह, इन्द्र प्रताप, उल्फत सिंह, हुकुम सिंह, अवनीस, पातीराम, रक्षपाल, श्यामवीर, नरसिंह, लडैते, सोनेलाल आदि के साथ बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे.