आसान नहीं होगा भगवा रणनीति भेद पाना

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investigatonफैजाबाद। अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सतर्क जिला व पुलिस प्रशासन के लिए भगवा रणनीति भेद पाना आसान नहीं होगा। हिंदुत्व की ध्वजावाहक विहिप की जिले में मजबूत पैठ व पदयात्रा के प्रति अब तक की रणनीतिक खामोशी सुरक्षा तंत्र के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। परिक्रमा पर सरकारी प्रतिबंध से बहुसंख्यक समुदाय में मिल रहे समर्थन से उम्मीदों में उछाल आया है। विहिप संत-महंतों से वार्ता का क्रम जारी रखते हुए अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी है। सुरक्षा व खुफियातंत्र विहिप से जुड़े धुरंधरों की निगरानी के लिए उनके आस-पास जाल बिछाना शुरू कर दिया, लेकिन भगवा धुरंधर भी प्रशासन की रणनीति को जवाब देने के लिए तैयार हैं। फिलहाल परिक्रमा को ‘रामकाज’ मानकर विहिप पद यात्रा के लिए संकल्पित दिख रही है।
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विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का कहना है कि यह यात्रा संतों की है और विहिप उनकी सेवक की भूमिका में है। संत जैसा आदेश देंगे वैसा किया जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केबी सिंह का कहना है कि शांति-व्यवस्था हर हाल में बनाए रखी जाएगी। सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं। निषेधाज्ञा का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
प्रशासन द्वारा विहिप की 84 कोसी परिक्रमा पर गत 19 अगस्त को अचानक प्रतिबंध लगा दिया। शासन के निर्देश पर हुई कार्रवाई से विहिप को तगड़ा झटका लगा है। संतो के साथ विहिप 25 अगस्त को सरयू पूजन के साथ यात्रा शुरू करने पर तटस्थ है। विहिप की चुनौती पर नकेल कसने के लिए सुरक्षा तंत्र भी पूरी तरह सक्रिय है। पुलिस प्रशासन को इंतजार तो सिर्फ अयोध्या सावन मेला निपटने का है। माना जा रहा है कि श्रद्धालुओं से रामनगरी खाली होने के बाद निगरानी में आसानी होगी। मेले के दौरान निगरानी की दो नावों पर सवारी को पुलिस सतर्कता के लिहाज से पुख्ता नहीं मान रही है। पुलिस की खास नजर और योजना परिक्रमा क्षेत्र की सरहद पर ही कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए इसके लिए सदर, अयोध्या बीकापुर, मिल्कीपुर, रुदौली पुलिस सर्किल के थानों को एलर्ट कर दिया गया है। इन सर्किलों में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक का दौर भी शुरू हो चुका है। नगर सर्किल को भी सतर्क रहने की हिदायत है। पुलिस की चुनौती विहिप समर्थकों की निगरानी के साथ-साथ मिलने वाली फोर्स को टिकाने के लिए स्कूलों को भी तलाशना है, जहां से आवश्यकता पड़ने पर फोर्स मौके पर पहुंच जाए। यह सारी व्यवस्था उस जत्थे को रोकने के लिए है, जो तय तिथि पर परिक्रमा करेगी ऐसी परिस्थिति में उन दशक भर के भीतर विहिप में उपजे नए चेहरे पुलिस की रणनीति को मात कर सकते हैं। शासन से मांगी गई फोर्स मेला निपटने के बाद यहां पहुंचने लगेगी। पुलिस इस मामले में इस कदर गोपनीयता बरत रही है कि थाने व सर्किल से संसाधन और फोर्स की मांग फोन पर ली जा रही है।