लखनऊ: विश्व हिन्दू परिषद आगामी 25 अगस्त से रामजन्म भूमि और राम मंदिर निर्माण के लिए पदयात्रा शुरू कर रही है। विहिप के शीर्ष नेता अशोक सिंघल के नेतृत्व में संतो का एक दल मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर 20 दिनों तक चलने वाली इस पदयात्रा में प्रशासनिक अड़चन न लगाने की गुहार लगायेंगे।विश्व हिन्दू परिषद की अगुवाई में शुरू हुए रामजन्म भूमि आन्दोलन को अपनी नई धार देने के लिए विहिप ने उसी मुलायम सिंह यादव से मदद की आस लगाई है जिन्होंने 1991 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गए कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी। विश्व हिन्दू परिषद अशोक सिंघल के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करने जा रहा है इस मुलाकात में विहिप सपा प्रमुख से रामजन्म भूमि के लिए प्रस्तावित पदयात्रा के लिए सरकार से सुरक्षा दिए जाने की मांग लगायेंगें।
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इस पदयात्रा से विहिप और संत सरकार और राजनीतिक पार्टियों को ये संदेश देने का भी काम करेंगे की जो भी सरकार या राजनीतिक पार्टी मंदिर निर्माण में संतो का साथ देगी संत इस चुनावी माहौल में उनके साथ खड़े होंगे और उनका साथ देंगे। विहिप ने मंदिर निर्माण के लिए एक बार फिर मोर्चा संभाल लिया है।
25 अगस्त से 13 सितम्बर तक अयोध्या के चारों ओर से संत परिक्रमा शुरू करेंगे इसी परिक्रमा में कोई भी प्रशासनिक अड़चन न उत्पन्न हो इसके लिए वो मुलायम सिंह से मदद मांग रहे है। इस परिक्रमा में देश के सभी प्रान्तों से आये साधू संत भाग लेंगे। करीब 350 किलोमीटर की इस यात्रा में हर दिन अलग अलग राज्यों और क्षेत्रों के साधू संत यात्रा में पदयात्रा करेंगे। इस यात्रा के दौरान साधू संत ये भी मांग करेंगे कि 400 किलोमीटर क्षेत्र में कोई भी बाबर संस्कृति का प्रतीक न रहे।
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अमित शाह के बयान से प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई थी अब विहिप की इस पदयात्रा से माहौल एक बार फिर गर्म होने की आशंका है ऊपर से प्रदेश में सपा की सरकार होने की वजह से हिन्दू संगठन सरकार से ही सरकारी रोक को दूर करने की गुहार लगा रहें हैं।वहीँ भाजपा ने भी इस मुद्दे को गर्म करने के लिए करीब एक महीने पहले ही एक बयान उत्तर प्रदेश प्रभारी अमित शाह से दिलवाया था तभी से अयोध्या की तरफ एक बार फिर नज़रें उठ गई।