FARRUKHABAD : गंगा व रामगंगा में लगातार छोड़े जा रहे पानी से जनपद में बाढ़ की विभीषिका गंभीर होती जा रही है। बीते लगभग एक माह से गंगा की जद में आये गांव पानी से घिरे हुए हैं। गंगा की बाढ़ खतरे के निशान के पास पहुंच जाने से जनपद में अब घर गिरी व कटान और भी तेज हो गया है। जिससे ग्रामीण अब अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। पक्के मकान छोड़कर ग्रामीण झोपड़ी व छप्पर में रहना ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं। ग्रामीणों को किसी भी समय गंगा के पानी में घर बह जाने का भी खतरा सता रहा है।
गंगा का जल स्तर विभागीय आंकड़ों के अनुसार 137.05 मीटर पर पहुंच चुका है। बुधवार को गंगा में 184303 क्यूसेक पानी और छोड़े जाने से जल स्तर के और भी बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है। वहीं रामगंगा का जल स्तर 136.00 पर टिका हुआ है। रामगंगा में 18641 क्यूसेक पानी बुधवार को छोड़ दिये जाने से इसके जल स्तर में भी इजाफा होने की संभावना है। जल स्तर बढने से ग्रामीणों का पलायन तेज हो गया है। जिलाधिकारी पवन कुमार ने भी सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि बाढ़ पीडि़तों के खाने पीने से लेकर पशुओं के चारे की समुचित व्यवस्था की जाये।
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वहीं दो माह से गंगा के पानी से घिरे घरों का गिरना भी तेज हो गया है। जिससे जिन पक्के घरों के चारो तरफ पानी भरा हुआ है उनमें रहना लोग मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। ग्रामीण अब झोपड़ी व छप्पर में रहकर रातें गुजार रहे हैं।
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