दिल्ली: इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में कई दिनों से फरार चल रहे आइपीएस पीपी पांडे ने मंगलवार को सीबीआइ कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक [एडीजीपी] पीपी पांडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद पांडे के खिलाफ पहले से जारी गैर जमानती वारंट को देखते हुए अब उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी।
जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने आइपीएस को फटकार लगाते हुए कहा कि उनका आचरण ही जमानत के हक से उन्हें बेदखल करता है। पांडे की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जसपाल सिंह ने सीबीआइ की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, लेकिन पीठ ने इस पर ज्यादा तवज्जो नहीं दी। पीठ ने इस तरह के हाई प्रोफाइल लोगों द्वारा राहत के लिए शीर्ष अदालत का रुख करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों की वजह से ही लंबे से न्याय की आस लगाए बैठे गरीबों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। पांडे के खिलाफ पीठ ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ऐसे लोगों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। हम बरसों से लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई नहीं कर पा रहे हैं जो दु:खद है। अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने कहा कि पांडे दूसरी बार इस मामले में फरार हुए हैं। उनके पता-ठिकाना की कोई जानकारी नहीं है।