खुद को बादशाह समझते हैं नौकरशाह: आजम खा

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AZAM KHAN_JNIरामपुर| उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री आजम खान ने कहा है कि आजादी के तुरंत बाद सिविल सेवाओं को समाप्त कर दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “नौकरशाह लोगों के साथ बादशाह जैसा बर्ताव करते हैं, मेरा मानना है कि आजादी के तुरंत बाद सिविल सेवाओं को ही समाप्त कर दिया जाना चाहिए था।”
आजम ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के दिमाग में यह डाला जाता है कि वे अब बादशाह बनने जा रहे हैं। आजम ने कहा कि नौकरशाहों का ऐसा रवैया इसलिए है कि उन्हें ब्रिटिश राज में गठित उस तंत्र के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है जिसका उद्देश्य भारतीयों पर सर्वोच्चता बनाए रखना था। उन्होंने कहा कि जरूरत थी कि आजादी के बाद ही सिविल सेवाओं को खत्म कर दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ|
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासक आईएएस और आईपीएस अधिकारी तैयार करते थे और उन्हें ऐसे पढ़ाया जाता था जैसे वे बादशाह हों। दुर्भाग्य से आजादी के पहले के दौर में दी जा रही शिक्षा अब भी कायम है। आजम ने कहा कि इस मुख्य सिद्धांत को भुला दिया गया है कि लोकतंत्र में असली शासक जनता होती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कुछ आईएएस अधिकारी ही पूरी व्यवस्था पर प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सक्षम हैं और अन्य बेवकूफ हैं?
आजम ने कहा कि ब्रिटेन, रूस, चीन और जापान जैसे विकसित देशों में सिविल सेवाएं नहीं होती और देश को आजादी मिलने के बाद भारत में भी इसे ख़तम कर दिया जाना चाहिए था। आजम ने इस मामले में कांग्रेस के की आलोचना करते हुए कहा कि इसके पहले भी कई आईएएस अधिकारी निलंबित हुए और यहां तक कि उन्हें जेल भी भेजा गया लेकिन न सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बल्कि पूरी आईएएस लॉबी शांत बैठी रही|
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उन्होंने कहा कि जब गलती करने वाली एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी तो सबने सरकार की आलोचना करनी शुरू कर दी| गौरतलब है कि बीते दिनों आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन से पैदा हुए विवाद के बीच आजम खान ने बयान दिया था कि मीडिया ने गौतमबुद्धनगर में मस्जिद की दीवार गिरवाने के आरोप में निलंबित की गई आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल को ‘दुर्गाजी’ बना दिया, वरना प्रबंध निदेशक स्तर से लेकर मुख्य अभियंता तक के अधिकारी मुअत्तल होते हैं, लेकिन कहीं एक लाइन भी नहीं छपती।
उन्होंने कहा कि टीवी पर दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की खबर इतनी खिंची कि डोर टूट गई और यह जूनियर अधिकारी जख्मी हो गई। आजम ने कहा था कि दुर्गा जैसे अफसरों की संख्या कुछ हजार में होगी, वहीं देश तो सवा सौ करोड़ लोगों का है। क्या बाकी लोग देश नहीं चला सकेंगे।
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