नई दिल्ली। ईद, ईदी और चाँद का सदियों पुराना साथ है, चाँद से ईद का दिन मुकर्रर होता है तभी ईद के पहले निकलने वाले चाँद के दीदार के लिए जितना मुस्लिम धर्म को मानने वाले बेसब्र रहते है उतने ही अन्य धर्मो को मानने वाले।एक महीने के रमजान के पाक महीने के बाद हिन्दुस्तान में एक बात का बेसब्री से इंतज़ार रहता है वो है उस ईद के चाँद का जिसके लिए रोज़ेदार पूरे एक महीने तक उपवास रखकर ईद मनाने को बेसब्र रहते है।
ईद का चाँद समाज में खुशियाँ लाता है, ईद का चाँद भाईचारे का सन्देश भी देता है, साथ ही ईद का चाँद उस सेवई की मीठी मिठास को भी लोगो के लबो तक पहुंचाता है जिसको ईद के बाद ही चखा जा सकता है ईद की सेंवई की मिठास और दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही मीठी लगती है।
ईद का चाँद देखने के लिए शिया और सुन्नी समुदाय ने अपनी अपनी तरह से तैयारियों को अमली जामा पहनना शुरू कर दिया है। सुन्नी समुदाय के धार्मिक गुरु और इमाम व क़ाज़ी -ए – शहर मौलाना रशीद फिरंगी महली व शिया मून कमिटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी का कहना है की आठ अगस्त को ही ईद का चाँद देखने की इंतजाम किया गया है।
धार्मिक गुरुओ का कहना है अगर किसी व्यक्ति को ईद का चाँद दिखता है तो वो उनके समक्ष उपस्थित होकर शरई गवाही दे सकता है। इनका ये भी कहना हा ईद के चाँद की जानकारी देने के लिए इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया में हेल्प लाइन भी खोली गई है।