नई दिल्ली। एक अमेरिकी डॉक्टर के दावे ने मेडिकल जगत में खलबली मचा दी है। इस डॉक्टर ने वो दावा किया है जिसका पूरा होना आज तक नामुमकिन ही माना जाता था। इस डॉक्टर के मुताबिक अगर किसी शख्स की मौत हो जाए तो अगले 24 घंटे के भीतर उसे फिर से जिंदा किया जा सकता है।
दरअसल ये खबर दिल के मरीजों के लिए किसी चमत्कार की उम्मीद से कम नहीं है। अगर किसी आदमी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाए तो 24 घंटे के भीतर उसमें दोबारा जान फूंकी जा सकती है। अब तक मेडिकल साइंस मौत के 2 घंटे के भीतर किसी की जिंदगी वापस लाने का दमखम रखता था। हालांकि उसके लिए कुछ खास शर्ते भी हैं। लेकिन अब एक अमेरिकी डॉक्टर ने इन तमाम दावों के उलट कहीं ज्यादा बड़ा दावा कर दिया है। इस अमेरिकी डॉक्टर का नाम है सैम पार्निया। डॉक्टर सैम पार्निया ने अपनी रिसर्च के आधार पर ये दावा किया है कि किसी शख्स की मौत हो जाने के बाद 24 घंटे के अंदर उसे दोबारा जिंदा किया जा सकता है।
डॉक्टर सैम खुद का भी एक क्लिनिक चलाते हैं और वो क्रिटिकल केयर फिजिशियन हैं। डॉक्टर सैम पार्निया ने तो इस थ्योरी पर बकायदा एक किताब भी लिख डाली है। इस किताब का नाम है ERASING DEATH यानि मौत को मिटाना। इस किताब में डॉक्टर सैम पार्निया ने उन तमाम थ्योरियों का जिक्र किया है जिससे ऐसा मुमकिन है। किताब लिखने के साथ ही सैम पार्निया सुर्खियों में आ गए। दुनिया भर के डॉक्टरों में इस किताब और इसमें लिखी गई थ्योरी को लेकर बहस तक छिड़ गई। चारों तरफ सैम पार्निया के चर्चे होने लगे हैं। लेकिन तमाम आलोचनाओं और विवादों के बाद भी डॉक्टर सैम पार्निया अपनी थ्योरी पर डटे हुए हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या कैंसर और एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से मौत के बाद भी डॉक्टर सैम का ये तरीका कारगर होगा।
इसके अलावा तमाम और सवाल हैं जो डॉक्टर सैम के दावे पर उठे हैं। बावजूद इसके डॉक्टर सैम का यही कहना है कि जिंदगी वापस लौटाने के लिए उनके बताएं उपायों पर काम करना होगा। और अगर मृतक के घरवाले ऐसा करते हैं और मौत के फौरन बाद मृतक को उनके क्लिनिक में ले आते हैं तो वो एक चमत्कार अपनी आंखों के सामने होता हुआ देखेंगे।
डॉक्टर सैम के मुर्दे में जान फूंकने के दावों के साथ कुछ शर्ते भी जुड़ी हैं। डॉक्टर सैम की इन शर्तों में मौत की वजह क्या है, यही सबसे अहम है, इसके अलावा मौत के बाद ऐसे कौन से तरीके अपनाने हैं जिससे डॉक्टर सैम को मदद मिल सके। क्या हैं वो शर्तें और कैसे एक शख्स मौत के बाद दोबारा जिंदा हो सकता है। डॉक्टर सैम पार्निया के मुताबिक ये तभी मुमकिन है जब मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई हो। डॉक्टर सैम का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने के बाद आदमी की मौत तो हो जाती है। लेकिन उसका दिमाग जिंदा रहता है। धीरे-धीरे उसकी कोशिकाएं मरने लगती हैं। इसके बाद फेफड़े भी काम करना बंद कर देते हैं। फिर दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई भी कम होने लगती है। और जब दिमाग में ऑक्सीजन पहुंचना बंद हो जाता है तब आदमी की पूरी तरह से मौत हो जाती है।
डॉक्टर सैम के मुताबिक एक्ट्राकॉरपोरियल मेंब्रान ऑक्सीजनरेशन (ईसीएमओ) नाम की एक चमत्कारिक मशीन मौत के बाद भी दिल को ‘जिंदा’ कर सकती है। डॉक्टर सैम पार्निया मुताबिक दक्षिण कोरिया और जापान में ये मशीन 70-90 फीसदी मामलों में फेल हो चुके हार्ट को दोबारा कार्यशील बनाने में सफल रही है, जबकि अमरीका में इसकी सफलता के 40 फीसदी मामले सामने आए हैं। डॉक्टर पार्निया के मुताबिक हाल में जापान में एक महिला का दिल इसी मशीन से मौत के सात घंटे बाद दोबारा चलने लगा। अब सवाल उठता है कि कैसे?
डॉक्टर सैम पार्निया के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद शरीर को फौरन बर्फ से ढक दें। शरीर को एकदम ठंडा कर देने से उसके शरीर के सारे अंग ठंडे हो जाएंगे। फिर उसकी शरीर का हर अंग एक स्थिर हालत में रहेगा। इसके बाद फौरन मृतक को अस्पताल ले जाएं। उसके बाद मशीन से मृतक के उतकों में ऑक्सीजन पंप किया जाए। ऐसा करने से उसके दिमाग को ऑक्सीजन मिलने लगेगा। फिर दिल की धड़कन अपने आप शुरू हो जाएगी। लेकिन डॉक्टर सैम का कहना है कि कैंसर जैसी बीमारियों में ये उपाय काम नहीं करेगा। क्योंकि एक बार अगर दिल को शुरू भी कर दिया गया तो फिर से वो काम करना बंद कर देगा।