राज बब्बर व मसूद को सोनिया की फटकार, मोदी को लेकर दी गई ये नसीहत

Uncategorized

Sonia Gandhi newनई दिल्ली: अपने नेताओं के बयानों से हलकान कांग्रेस आलाकमान अब बेलगाम बयानवीरों पर कड़ी कार्रवाई के मूड में है। गरीबों को चिढ़ाने वाले बयानों के साथ-साथ कांग्रेस प्रवक्ताओं और नेताओं से नरेंद्र मोदी पर ज्यादा बोलने से भी तौबा करने को कहा गया है। 12 रुपये और पांच रुपये में भरपेट खाने जैसा बेतुका बयान देकर कांग्रेस की फजीहत कराने वाले पार्टी प्रवक्ता राज बब्बर और रशीद मसूद को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तलब कर उन्हें कड़ी डांट पिलाई है। साथ ही शकील अहमद को यह भी कहा गया है कि सोशल साइट ट्विटर पर विवादास्पद संदेश देने के बजाय सकारात्मक विषय चयनित करें।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस बात से बेहद असहज हैं कि एक सुर में बयान देने की ताकीद के बाद भी पार्टी नहीं चेती। जिला और ब्लाक स्तर तक लोगों को एक सुर में बोलने के लिए सिखाया जा रहा है, लेकिन केंद्र के बड़े नेताओं में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में पार्टी की फजीहत हो रही है। गरीबों को चिढ़ाने वाले बयानों के लिए राज बब्बर और रशीद मसूद को डांट तो पड़ ही चुकी है, लेकिन अभी इन पर कार्रवाई की तलवार भी लटकी हुई है। सभी प्रवक्ताओं और नेताओं की बोलने पर जवाबदेही राहुल के निर्देशानुसार तय की जा रही है।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
बस यह देखना है कि कड़े निर्णयों की शुरुआत बब्बर और मसूद के साथ होती है या इसे अंतिम गलती बताकर चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद ऐसे बेतुके बयान देने वालों पर तत्काल कार्रवाई होगी। इसी तरह पार्टी मान रही है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जरूरत से ज्यादा नकारात्मक अभियान कांग्रेस के खिलाफ जा रहा है। उससे मोदी को ही फायदा होते देख पार्टी ने प्रवक्ताओं को बेवजह इस विषय पर बोलने से तौबा करने को कहा है। कुल मिलाकर पार्टी अब पहले की तरह मोदी को नजरअंदाज करने की नीति पर चलना चाहती है।

खुद राहुल गांधी ने ही प्रवक्ताओं के प्रशिक्षण शिविर में कहा था कि नकारात्मकता से बचकर सकारात्मक अभियान चलाएं। इसके बावजूद नकारात्मक अभियान को देख अब कांग्रेस नेतृत्व सख्त हो रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसा लगने लगा है कि जैसे सबसे पुराना राजनीतिक दल कांग्रेस एक व्यक्ति के विशेष [मोदी] के पीछे पड़ गया है। सभी को पार्टी नेतृत्व की तरफ से संदेश दिया गया है कि ‘राजनीतिक लड़ाई व्यक्ति नहीं विचारधारा से लड़ी जाती है।’ अति उत्साही बयानवीरों को खासतौर पर इस बारे में सचेत किया जा रहा है।